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बीए ( BA!)करने में लगते हैं इतने करोड़!

भारत में हम लोग इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) और कुछ अन्य यूनिवर्सिटीज को उच्च शिक्षा के लिए बेहतरीन संस्था मानते हैं. यह सही भी है. ये सभी अपने देश की सबसे बेहतरीन संस्थाएं हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थिति कुछ अलग है. दुनिया में एक से बढ़कर एक बेहतरीन संस्थाएं हैं. ये संस्थाएं सदियों पुरानी हैं. ऐसी ही एक संस्था है जो करीब 1000 सालों से चल रही है. यानी भारत में मुगलों के आने से करीब 500 साल पहले सन 1096 में इस संस्था की स्थापना हुई. भारत में मुगल वंश की स्थापना की तारीख 1526 मानी जाती है. संस्था की स्थापना वर्ष को मुगल वंश से जोड़ने का मकसद इसके महत्व को रेखांकित करना है. भारत के इतिहास में मुगल वंश की स्थापना एक सबसे अहम तारीख रही है.

बड़ी बात यह है कि यह संस्था करीब 1000 साल से बदस्तूर चल रही है. यह आज की तारीख में भी दुनिया की चोटी की संस्था है. इसमें पढ़ने की इच्छा दुनिया के हर एक बच्चे की होती है. आप इस संस्था की प्रतिष्ठा का अनुमान इसी से लगा सकते हैं कि इसके 72 से अधिक छात्रों-प्रोफेसरों को नोबेल पुरस्कार मिल चुका है.

दरअसल, आज हम जिस संस्था की बात कर रहे हैं उसका नाम है यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड. यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक इसकी स्थापना 1096 ईसवी में हुई. यह आज की तारीख में दुनिया का दूसरा सबसे पुराना विश्वविद्यालय है. इस यूनिवर्सिटी में 26 हजार से ज्यादा छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. इस संस्थान में चार अहम डिविजन हैं. इनके नाम हैं- हूमैनिटी डिविजन, मैथमेटिक्स, फिजिक्स एंड लाइफ साइंसेज डिविजन, मेडिकल साइंस डिविजन और सोशल साइंस डिविजन. इसके अलावा इसमें डिपार्टमेंट ऑफ कंटीन्यू एजुकेशन और गार्डेन्स, लाइब्रेरी और म्यूजियम्स के विभाग भी हैं.

सैकड़ों कोर्स
विश्वविद्यालय इन डिविजन के तहत सैकड़ों कोर्स चलाता है. इनमें विभिन्न विषयों में बीए, एमए और पीएचडी की डिग्री दी जाती है. गुणवत्तापूर्ण शोध के मामले में यह दुनिया का एक सबसे बेहतरीन विश्वविद्यालय है. कोरोना महामारी के दौरान कोविशिल्ड वैक्सीन के फॉर्मूले का विकास ऑक्सफोर्ड के शोधकर्ताओं ने ही किया था.

स्टार किड्स का पसंदीदा
यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड जितना बेहतरीन संस्था है उतना ही मुश्किल यहां पढ़ाई करना भी है. इस संस्था में दुनिया के तमाम बच्चे पढ़ना चाहते हैं. दुनिया से प्रतिभाशाली बच्चों को चुनने के लिए यह संस्था स्कॉलरशिप भी देता है लेकिन अगर आपको स्कॉलरशिप नहीं मिलता है तो यहां पढ़ाई करना हर किसी के वश की बात नहीं है. यह संस्था विदेशी छात्रों से मोटी फीस वसूलता है. ऐसे में दुनिया के चुनिंदा लोग ही इस संस्था में अपने बच्चों को पढ़ाने की फीस भरने में सक्षम होते हैं. भारत के कई स्टार्स, ब्यूरोक्रेट्स और नेताओं के बच्चे इस प्रतिष्ठित संस्था में पढ़ाई करते हैं. पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली की बेटी सना गांगुली ने यहां से एक समर कोर्स किया है. पढ़ाई में काफी तेज होने के बावजूद सैफ अली खान की बेटी सारा अली खान को ऑक्सफोर्ड में एडमिशन नहीं मिला. हालांकि, उनके दादा मंसूर अली खान पटौदी ने यहीं से पढ़ाई की थी.

देश को दो-दो प्रधानमंत्रियों ने की यहां से पढ़ाई
ऑक्फोर्ड यूनिवर्सिटी सदियों से भारत के प्रतिभाशाली लोगों का पसंदीदा संस्थान रहा है. यहां से पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पढ़ाई की है. इसके अलावा जानेमाने लेखक अमिताव घोष, सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज सुजाता वसंत मनोहर, पूर्व क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी, लेखक विक्रम सेठ और देश की पहली महिला वकील कॉर्नेलिया सोराबजी ने भी पढ़ाई की है.

लगती है तगड़ी फीस
इस संस्थान में पढ़ाई का बोझ उठान हर किसी के वश की बात नहीं है. यहां दाखिला लेने के लिए टैलेंट के साथ-साथ मात-पिता के पास पैसा भी मोटा होना चाहिए. ऑक्सफोर्ट यूनिवर्सिटी दुनिया के सबसे महंगे संस्थाओं में से एक है. यूनिवर्सिटी की वेबसाइट के मुताबिक अगर आप यहां से इतिहास विषय में स्नातक ( BA!) करते हैं तो केवल ट्यूशन और यूनिवर्सिटी फीस के रूप में आपको एक करोड़ से अधिक रुपये भरने होंगे. इसके अलावा यहां रहने और खाने-पीने का खर्च अलग है. वेबसाइट के मुताबिक तीन साल के इस कोर्स के लिए हर साल आपको 35080 पाउंड का फीस भरना होगा. इस तरह तीन साल में आपको 1,05,240 पाउंड की रकम भरनी होगी. रुपये में यह राशि करीब एक करोड़ छह लाख 80 हजार बैठती है.