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बच्चों को संस्कार देने का कार्य है मां का। दो घरों की लाज होती है बेटियां !

मैनपुरी –  श्री बाबूराम महाविद्यालय नगला मंडल परौख में चल रही श्री शिव पुराण कथा में बोलते हुए पुराण मनीषी आचार्य कौशिक महाराज ने कहा कि मनुष्य जब भी घर में प्रवेश करें तो एक एक अच्छा पति बेटा वह भाई बनकर प्रवेश करें। साथ ही घर में बहुओं को बेटियों की तरह जहां समझा जाएगा वह प्रभु की असीम कृपा रहेगी। शुक्रवार को शिव पुराण कथा में बोलते हुए आचार्य कौशिक महाराज ने कहा कि कि हमारे वेद और पुराण हमें जीने की कला सिखाते हैं साथ ही प्रत्येक शास्त्र में हमारे जीवन को जीने की महत्वपूर्ण नियम बनाए गए हैं महिलाओं के रजस्वला के दिनों में महिलाओं को कई बातों का नियम करना चाहिए।

प्रत्येक मनुष्य जो बाहर रहकर अपने दैनिक जीवन चर्या को गुजारते हैं साथी विभिन्न पदों पर तैनात रहते हैं बाहर अधिकारी के रूप में रहे लेकिन जब भी अपने घर में प्रवेश करें तो एक अच्छे बालक बंद कर एक अच्छे भाई बन कर एक अच्छे पिता बन कर एक अच्छे पति बनकर घर के अंदर घुसे और घर की महिलाओं को भी यह चाहिए वह कितनी भी व्यस्त रही हो पति जब घर में आए तो एक मुस्कुराते हुए उनके बैठने की उत्तम व्यवस्था के साथ पानी पिलाने के साथ उनके हालचाल लेने चाहिए।

उन्होंने कहा कि शिव जी को बेल पत्री व धतूरा चढ़ाने से लोगों के रोग भी कम होते हैं और भोला ओगड़नाथ खुश होता है। शिवजी के ऊपर चढ़ाए हुए जल को सेवन करने से मनुष्य के कष्ट कम होते हैं। उन्होंने कहा कि गणेश जी ने जिस तरह आचरण किया है वह आचरण लोगों को करना चाहिए साथ ही जिस तरह घर की महिलाएं पुरुष सूप से अनाज से कंकड़ को अलग निकाल देती हैं इसी तरह जीवन से बेकार व्यसनों को दूर निकाल देना चाहिए। प्रभु की भक्ति में मन लगाना चाहिए।

संसार के प्रत्येक कंकर में शंकर है ऐसा भाव लेकर हमें भगवान की पूजा अर्चना करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने गौशाला व गोवंश के लिए भी विशेष रूस से चर्चा की। कार्यक्रम में कथा के आयोजक दिनेश चंद्र पाठक मुन्नी देवी पाठक के साथ अंकुर पाठक कृष्णा पाठक विनय अग्निहोत्री नीतू अग्निहोत्री सुरेंद्र सिंह अंशु शुक्ला अवनीश अमित रमन ब्रह्मा देवी राघव दीक्षित के अलावा राजा अंकुर अग्निहोत्री महेश अग्निहोत्री जागेश्वर सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।

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