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इजरायल का तेहरान पर बड़ा हमला(इजरायल ) 

तेहरान :इजरायल और ईरान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच चुका है। इस बीच इजरायल रक्षा बल यानी आईडीएफ के प्रवक्ता ने एक बड़ा बयान दिया है, जिसके बाद से चारों तरफ हलचल मची हुई है। आईडीएफ के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी ड्रेफ्रिन ने दावा किया है कि ईरान की राजधानी तेहरान इजरायल  (इजरायल )  के हवाई हमलों के बाद खाली हो चुकी है। तेहरान अब सुरक्षित नहीं रही है। डेफ्रिन ने कहा कि इजरायली वायु सेना ने शुक्रवार की सुबह तेहरान पर एक बड़े हवाई हमले को अंजाम दिया है। इस ऑपरेशन में इजरायल को 70 से ज्यादा लड़ाकू विमान और ड्रोन शामिल थे। करीब ढाई घंटे तक ये विमान तेहरान के ऊपर उड़ान भरते रहे और प्रमुख सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया।

आईडीएफ के प्रवक्ता के बयान से मची खलबली
डेफ्रिन के मुताबिक, इस ऑपरेशन ने तेहरान के 40 से अधिक सैन्य ठिकानों पर हवाई हमला किया गया। इसमें ईरान की वायु रक्षा प्रणाली और उसके आसपास के ठिकाने भी शामिल है। उन्होंने बताया कि इन हमलों में ईरान की एयर डिफेंस सिस्टम को काफी नुकसान पहुंचा है, जिससे इजरायली विमान बिना किसी खतरे के तेहरान के उपर उड़ान भरने में सक्षम हो गए। ड्रेफ्रिन जोर देते हुए कहा कि ‘यह अबतक का सबसे बड़ा ऑपरेशन है, जो ईरान की धरती पर इजरायल द्वारा किया गया है। इजरायल की वायुसेना ने अब तेहरान के आसमान तक अपनी पहुंच बना ली है।’

इजरायल की सेना ने क्या कहा?
इजरायल सेना ने इसे लेकर कहा कि शुक्रवार को जो हमले किए गए, उसका उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम और मिसाइल निर्माण के ढांचे को कमजोर करना था। आईडीएफ का कहना है कि वे एक पूर्व निर्धारित योजना के तहत काम कर रहे हैं, जिसपर कई महीनों से काम किया जा रहा था। डेफ्रिन ने कहा कि लेबनान और गाजा के अनुभवों से हमने सीखा है और अब उसी रणनीति को ईरान में लागू कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केवल हवाई हमलों के जरिए ईरान के परमाणु ढांचे को पूरी तरह खत्म करना संभव नहीं है। हालांकि इजरायल की सेना ने ईरान के शासन तंत्र, मिसाइल उत्पादन केंद्र और अन्य रणनीतिक ठिकानों को टार्गेट किया है।

क्या है पूरा मामला?
13 जून को इजरायल ने ईरान की न्यूक्लियर साइट्स को निशाना बनाया था। दरअसल इजरायल का कहना था कि ईरान परमाणु बम बनाने के बेहद करीब पहुंच चुका था। इसलिए इजरायल द्वारा हमले करके परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया है। बता दें कि यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब तेहरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को लेकर तनाव दोनों देशों के बीच नए स्तर पर पहुंच गया है। इंटरनेशनल एटमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने गुरुवार को 20 साल में पहली बार ईरान की निंदा की क्योंकि वह अपने निरीक्षकों के साथ काम नहीं कर रहा है। ईरान ने तुरंत घोषणा की कि वह देश में तीसरा संवर्धन स्थल (enrichment site) स्थापित करेगा और कुछ सेंट्रीफ्यूज को अधिक एडवांस सेंट्रीफ्यूज से बदल देगा।

 

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