इजरायली ने कई खूंखार आतंकवादियों को ढेर कर दिया( खूंखार आतंकवादियों )
येरूशलमः इजरायली सेना ने गाजा पट्टी के जबालिया में हमास के 12 खूंखार आतंकियों ( खूंखार आतंकवादियों ) को हवाई हमले में ढेर कर दिया है। आईडीएफ और आईएसए ने सटीक खुफिया सूचना के आधार पर गाजा पट्टी के जबालिया में एक ऐसे क्षेत्र के भीतर स्थित आतंकवादियों के कमांड और कंट्रोल सेंटर पर हमला किया, जो पहले एक चिकित्सा परिसर के रूप में काम करता था। आईडीएफ के अनुसार इस कमांड और कंट्रोल सेंटर के अंदर बड़ी मात्रा में हथियार जमा किए गए थे। आतंकवादियों द्वारा इसका इस्तेमाल आईडीएफ सैनिकों और इज़रायली नागरिकों के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए किया गया था।
आईडीएफ ने कहा कि इस हमले में हमास और इस्लामिक जिहाद आतंकवादी संगठनों के कम से कम 12 आतंकवादी मारे गए। यह सभी 7 अक्टूबर को इजरायल पर किए गए नरसंहार के लिए भी दोषी थे। मारे गए आतंकवादियों की सूची इस प्रकार है।
1. मुस्तफा अब्द अल-अज़ीज़। यह हमास की सैन्य खुफिया इकाई में एक प्लाटून कमांडर था।
2. महमूद खामिस सुलेमान अवाद, हमास के उत्तरी ब्रिगेड में एक एंटी-टैंक यूनिट में डिप्टी प्लाटून कमांडर।
3. बिलाल बशीर मुहम्मद अल-शराफी, हमास मिलिट्री विंग की पूर्वी जबालिया बटालियन में एक आतंकवादी।
4. सहर फरीद मुहम्मद अबू रशीद, 7 अक्टूबर के नरसंहार का दोषी और हमास मिलिट्री विंग की पूर्वी जबालिया बटालियन का आतंकवादी।
5. करीम सालेह हसन अबू-दाहेर, हमास मिलिट्री विंग की पूर्वी जबालिया बटालियन में एक आतंकवादी और इंजीनियरिंग ऑपरेटिव।
6. असद यूसुफ सईद हज़ा, हमास मिलिट्री विंग की पूर्वी जबालिया बटालियन में एक आतंकवादी।
7. सईद हिसार सईद सबाबा, हमास मिलिट्री विंग का एक आतंकवादी।
8. मुहम्मद इब्राहिम अली बदर, इस्लामिक जिहाद मिलिट्री विंग का एक आतंकवादी।
9. अमजद ज़ियाद अबेद अल-रहमान अजीज, इस्लामिक जिहाद मिलिट्री विंग का एक आतंकवादी।
10. इब्राहिम अबू-अलजलीली, हमास मिलिट्री विंग की पूर्वी जबालिया बटालियन में एक आतंकवादी।
11. जकारिया हुसैन अबू-हबल, 7 अक्टूबर के नरसंहार का दोषी और हमास की पूर्वी जबालिया बटालियन में नुखबा प्लाटून कमांडर।
12. मुहम्मद रबी मुस्बाह अरिनी, इजरायल पर 7 अक्टूबर के नरसंहार का दोषी और हमास की पूर्वी जबालिया बटालियन में नुखबा प्लाटून कमांडर।
इजरायली सेना ने कहा कि इन आतंकवादियों पर हमले से पहले नागरिकों को नुकसान पहुंचने के जोखिम को कम करने के लिए कई कदम उठाए गए थे, जिनमें सटीक हथियारों का उपयोग, हवाई निगरानी और अतिरिक्त खुफिया जानकारी शामिल थी। इससे हमास के आतंकियों को ही निशाना बनाया गया।