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खालिस्तान(Khalistan) समर्थक अमृतपाल सिंह के पीछे आईएसआई

नई दिल्‍ली. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा खालिस्‍तानी (Khalistan) समर्थक अमृतपाल सिंह को धन मुहैया कराने के लिए सोशल मीडिया पर बड़ा अभियान चलाया जा रहा है. शीर्ष खुफिया सूत्रों का कहना है कि कनाडा, यूके और अन्‍य कई देशों में फेसबुक, इंस्‍टाग्राम के जरिए हजारों तस्‍वीरें अपलोड की जा रही हैं. पाकिस्‍तानी एजेंसी इन तस्‍वीरों में भारत में सिखों के कथित दमन का झूठा प्रचार कर रही है. इनका विज्ञापन भी दिया जाता है और ये विज्ञापन कनाडा, ब्रिटेन और जर्मनी में देखे जा सकते हैं.

सूत्रों के मुताबिक, इन विज्ञापनों को इस तरह डिजाइन किया गया है कि ये सिर्फ 18-25 साल के युवा सिखों के खातों में जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये विज्ञापन सिख नामों और उपनामों जैसे सिंह, कौर आदि के लिए लक्षित हैं. इन विज्ञापनों का भुगतान किया जाता है और लगभग एक साल तक चल सकता है. खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह को अप्रत्यक्ष रूप से धन मुहैया कराने के लिए पाकिस्‍तान सीधे लक्षित दर्शकों तक पहुंच बना रहा है. सूत्रों ने कहा कि वे अत्याचार दिखाने, सिख अत्याचारों की तस्वीरों वाले कपड़े, कार के सामान आदि बेचने की साजिश रच चुका है.

फंडिंग के लिए लाखों डॉलर बना रही ISI
सूत्रों ने कहा कि इनके माध्‍यम से ISI और उसके लोग फंडिंग के लिए लाखों डॉलर बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये विज्ञापन सीधे तौर पर सिख अलगाववादी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले को अमृतपाल सिंह से जोड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि वारिस पंजाब दे के संस्थापक अमृतपाल को भिंडरावाले की तरह चलने और बात करने, सिर पर पगड़ी के साथ पेश किया जाता है. अमृतपाल 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए उग्रवादी नेता भिंडरावाले की तरह भी दिखता है.

पाकिस्‍तानी पंजाब प्रांत से हो रहे हैं कमेंट्स
खुफिया सूत्रों का कहना है कि सोशल मीडिया की पोस्ट में की गई टिप्पणियां भारतीय पंजाब से की गई टिप्पणियां नहीं हैं, लेकिन उनकी भाषा से पता चलता है कि वे पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि भारत में, उन्हें केवल कनाडा, जर्मनी या यूके के रूप में स्थान के साथ वीपीएन का उपयोग करने पर देखा जा सकता है.

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