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क्या ईरान में लड़कियों को स्कूल जाने से रोकने के लिए दिया जा रहा जहर( poisoned )

ईरान : ईरान में स्‍कूल जाने वाली सैकड़ों लड़कियां रहस्‍यमयी बीमारी की चपेट में आ गई हैं. उन्‍हें सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ और उल्टियों की शिकायत के बाद काफी स्‍कूली छात्राओं को अस्‍पतालों में भर्ती कराया गया है. इसके बाद वे स्‍कूल नहीं जा पा रही हैं. लिहाजा, सवाल उठा कि क्‍या इस्‍लामी चरमपंथियों ने बच्चियों को स्‍कूल जाने से रोकने के लिए जानबूझकर जहर दिया है. इस पर एक वरिष्‍ठ स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी ने कहा क‍ि चरमपंथियों ने स्‍कूलों को बंद कराने के लिए छात्राओं को जानबूझकर जहर ( poisoned ) दिया है. सैकड़ों लड़कियों के अचानक बीमार पड़ने की घटना ईरान के क़ोम शहर की है.

ईरान के उपमंत्री यूनुस पनाही ने पुष्टि करे हुए कहा है कि कुछ लोग लड़कियों की शिक्षा बंद कराने के लिए स्‍कूली छात्राओं को जहर दे रहे हैं. ईरान में चरमपंथ के खिलाफ शुरू हुई क्रांति का नेतृत्व महिलाएं और लड़कियां कर रही हैं. अधिकारियों ने भी अपनी कार्रवाई जारी रखी है. अब स्कूली छात्राओं को निशाना बनाया जा रहा है. ईरान की राजधानी तेहरान के दक्षिण में स्थित क़ोम शहर के बाद पड़ोसी शहरों की लड़कियां भी बीमार पड़ गई हैं. ईरान के उप स्वास्थ्य मंत्री की माने तो उन्हें ‘रासायनिक यौगिकों’ का इस्‍तेमाल कर जहर दिया गया था.

कब शुरू हुआ छात्राओं को जहर देना?
अधिकारियों का कहना है कि अस्‍पताल में भर्ती होने के कारण लड़कियां स्‍कूल नहीं जा पा रही हैं. इससे चरमपंथियों का मकसद पूरा हो रहा है. उनका कहना है कि चरमपंथी हर हाल में लड़कियों के स्‍कूल जाने पर रोक लगाना चाहते हैं. स्‍कूली लड़कियों को जहर देने का सिलसिला नवंबर 2022 के अंत में शुरू हुआ था. तब महिलाओं और छात्राओं ने पुलिस कस्‍टडी में 22 साल की महसा अमीनी की मौत के मामले को लेकर ईरान के शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. महसा अमीनी को हिजाब गलत तरीके से पहनने के लिए हिरासत में लिया गया था. विरोध प्रदर्शन में शामिल लड़कियों पर बल प्रयोग किया, जिससे कुछ की मौत हो गई.

14 स्‍कूलों को बनाया जा चुका हैं निशाना
तब से अब तक क़ोम में बड़ी संख्‍या में स्‍कूली लड़कियों को जहर देने के मामले सामने आ चुके हैं. स्‍कूली छात्राओं को जहर देने का सबसे पहला मामला नवंबर 2022 में क़ोम शहर से ही आया था, जब सेकेंडरी स्‍कूल की कई लड़कियां अचानक बीमार पड़ गईं. अब तेहरान, अर्देबिल और बोरजर्ड में कम से कम 14 स्‍कूलों में इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं. हालिया मामला क़ोम शहर में 22 फरवरी 2023 को हुआ. इस दिन 15 लड़कियों को अस्‍पताल में भर्ती कराना पड़ा. हालांकि, अब उनकी हालत काबू में है. डॉक्‍टर्स अभी भी उनकी देखभाल कर रहे हैं.
क़ोम में बार-बार क्‍यों हो रही घटना?
लॉर्सेटन के उप-राज्‍यपाल माजिद मोनेमी ने 26 फरवरी 2023 को कहा कि पश्चिमी ईरान के बोरजर्ड में 50 स्‍कूली छात्राओं को फिर जहर दिया गया है. स्‍कूली लड़कियों को जहर देने का पहला मामला क़ोम शहर में आया था. इसके बाद इस शहर में एक के बाद ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं. दरअसल, ये शहर इस्‍लामी रूढिवाद का धार्मिक शहर माना जाता है. इस शहर में ईरान के बड़े-बड़े नेताओं और राष्‍ट्रपतियों ने शिक्षा ली है. यही नहीं, धार्मिक नेता भी इसी शहर में आकर शिक्षा लेते हैं. ऐसे में लड़कियों को लिंग के आधार पर पूरी तरह से अलग-थलग करना ही इस्‍लामी चरमपंथियों का मकसद है. ऐसे में लड़कियों के विरोध को दबाने और स्‍कूल जाने से रोकने के लिए उन्‍हें जहर देने के सबसे ज्‍यादा मामले इसी शहर से आ रहे हैं.

शासन-प्रशासन का क्‍या है कहना?
ईरान के अधिकारियों ने पिछले सप्‍ताह से ही खतरे की घंटी बजा दी थी. लेकिन, ईरान के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय में जूनियर मिनिस्‍टर यूनुस पनाही ने लड़कियों को जहर देने के मामले में चरमपंथियों का हाथ होने की बात स्‍वीकार की और पूरी दुनिया में ये मामला फैल गया. उन्‍होंने कहा कि कुछ लोग सभी स्‍कूलों को बंद करने की मांग कर रहे हैं. इसमें भी लड़कियों के स्‍कूल को तत्‍काल बंद करने की धमकियां दी जा रही हैं. ईरान के चीफ प्रॉसीक्‍यूटर मोहम्‍मद जावेद मॉन्‍तजेरी ने कहा कि लड़कियों को जानबूझकर जहर दिया जा रहा है. तेहरान की ऑल-वूमेन पब्लिक यूनिवर्सिटी अल जहरा विश्‍वविद्यालय में इस्‍लामी अध्‍ययन के शोधकर्ता नफीस मुरादी ने कहा कि सिर्फ लड़कियों का बीमार पड़ना संदेह पैदा करता है.

केमिकल में आती है शराब की गंध
एक स्‍टूडेंट ने बताया कि स्‍कूल में अचानक शराब की गंध आने लगी. हम तुरंत स्‍कूल से बाहर आ गए. इसके बाद खांसी में खून आने लगा और घबराहट होने लगी. इसके बाद उल्टियां और सिरदर्द भी होने लगा. इसके बाद हमें अस्‍पताल में भर्ती करा दिया गया. लड़कियों के गुस्‍साए पेरेंट्स ने शिक्षा अधिकारियों और टीचर्स को घेर लिया. अभिभावकों ने 14 फरवरी 2023 को राज्‍यपाल कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर मामले में स्‍पष्‍टीकरण मांगा. स्‍थानीय मीडिया के मुताबिक, क़ोम शहर में कुछ स्‍कूलों को अनाधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया है. कुछ स्‍कूल ऑनलाइन क्‍लासेस चला रहे हैं. प्रशासन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. फिर भी डरे हुए स्‍टूडेंट्स स्‍कूल नहीं जाना चाहते हैं. इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है.

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