
जयपुर । मारवाड़ (partnership) की सियासत के रंग अनूठे हैं। कौन किसके साथ है, काैन खिलाफ, इसका अंदाजा लगाना ही मुश्किल है। एक बड़े अफसर और ठेकेदार की साझेदारी वाले होटल को लेकर कुछ जागरूक नागरिकों ने शिकायत (partnership) कई स्तरों पर पहुंचाई है। कई जिलों में कलेक्टर रहते ठेकेदार की अफसर से प्रगाढ़ता इतनी बढ़ी कि बिजनेस पार्टनर तक बन गए।बाकी वक्त उनका ऑफिस में मन कम ही लगता है।
अब मनमाफिक पोस्टिंग के बिना ब्यूरोक्रेसी में किसका मन लगता है। अब मनचाहे पद के लिए लॉबिंग भी शुरू कर दी है। प्रदेश के मुखिया के होम टाउन की यूनिवर्सिटी में सत्ताधारी पार्टी से जुड़े संगठन की बुरी तरह हार हुई। चर्चा इसलिए भी ज्यादा रही कि यहां आरसीए अध्यक्ष ने खुद प्रचार किया था। बताया जाता है कि होटल को बार लाइसेंस मिल नहीं सकता था, लेकिन इसके लिए गलियां निकाली गई।
अफसर की भागीदारी मौखिक ही है, इसलिए शिकायत के बावजूद भी ज्यादा आंच नहीं आएगी। सीमावर्ती जिले में मुखिया के खास विधायक ने पिछले दिनों दो छात्र नेताओं का सम्मान स्वागत किया। इनमें एक छात्रनेता एनएसयूआई को हरवाने में चाणक्य की भूमिका में थे और दूसरे हरवाने वाले। इस स्वागत की सियासी हलकों में इसलिए चर्चाएं हैं कि भविष्य की लिए कोई नई सियासी खिचड़ी तो नहीं पक रही।
विरोधी गुट ने मुद्दा इस बात को बनाया है कि पूर्व मुखिया का पहले जहां दौरा हुआ वहां पार्टी से सस्पेंडेड नेता अगुवाई करते दिखे। अब जहां यात्रा की रणनीति बन रही है, वहां पार्टी से निकाले जा चुके नेता मुख्य भूमिका में है। विपक्षी पार्टी के प्रदेश मुखिया की यात्रा रुकवाने के बाद कोल्ड वाॅर और तेज हो गया है। अब प्रदेश की पूर्व मुखिया की प्रस्तावित यात्रा को लेकर भी विरोधी सक्रिय हो गए हैं। इस यात्रा को रुकवाने की भी तैयारी है।