राज्य
मुजफफरनगर में पाकशाला, अस्पताल, अल्प व्यस्क बैरक, पुरुष बैरक तथा महिला बैरक का किया गया निरीक्षण
प्रेस विज्ञप्ति
शामली (शोभित वालिया):उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से प्राप्त कलेन्डर के अनुसार माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शामली, श्री अनिल कुमार, केे कुशल निर्देशन में आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शामली, की ओर सेे जिला कारागार मुजफफरनगर में पाकशाला, अस्पताल, अल्प व्यस्क बैरक, पुरुष बैरक तथा महिला बैरक का निरीक्षण किया गया एवं ‘‘ प्ली बारगेनिंग एवं बन्दियों के अधिकारं‘‘ से सम्बन्धित विषय पर विधिक साक्षरता का आयोजन किया गया। जिसमें श्रीमती सीमा वर्मा, अपर जिला एवम् सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शामली, द्वारा उपस्थित बन्दियों को प्ली बारगेनिंग एवं बन्दियों को प्राप्त विधिक अधिकारों के बारे मे विधिक अधिकारों की जानकारी देते हुए बताया गया कि वर्ष 2006 में दण्ड प्रक्रिया संहिता में संशोधन द्वारा अध्याय 21-ए जोडा गया जिसमें प्ली बारगनिंग का प्रावधान दिया गया है जिसके तहत यदि अभियुक्त शिकायतकर्ता से समझौता न्यायालय के समक्ष कर लेता है तथा अपना अपराध स्वीकार कर लेता है तो अभियुक्त की सजा आधी या एक चैथाई हो सकती है।
यह प्रावधान 07 वर्ष से कम की सजा वाले मामलों मे लागू होता है। महिला 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे के विरूद्ध अपराध तथा सामाजिक व आर्थिक अपराध के सम्बन्ध में यह प्रावधान लागू नही होता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 22 के तहत यदि कैदी की आर्थिक स्थिति ठीक नही है और उसे विधिक सहायता की आवश्यकता है तो उसे निःशुल्क सहायता सरकारी खर्चे पर दिलायी जाती है। अनुच्छेद 14,19,21 के मौलिक अधिकार कैदियों को भी प्राप्त है। कारागार के अन्दर भी कैदियों को अपने मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए स्वास्थ्य, मनोरंजन, अभिव्यक्ति, निःशुल्क विधिक सहायता, मामले का शीघ्र निस्तारण, जमानत आदि का अधिकार है। परिजनों से मिलने, व पत्राचार का अधिकार, वकील से बात करने व सलाह लेने का अधिकार, रेडियों, संगीत, मनोरंजन जैसी सुविधा का अधिकार, जेल मे लीगल ऐड क्लीनिक स्थापित है जिसके माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकते है। पत्र व्यवहार के माध्यम से वोट का अधिकार, कैदियों को उनके काम के बदले न्यूनतम मजदूरी दी जायेगी। धारा 436 ए द0 प्र0 संहिता के तहत यदि किसी कैदी द्वारा आरोपित अपराध के लिए प्रावधानित सजा का आधा भाग बिता लिया है तो व्यक्तिगत बन्धपत्र पर उसे जमानत पर छोडा जा सकता है। सचिव महोदया द्वारा नालसा योजनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया। इस अवसर पर श्री राजेश कुमार सिंह, जेलर, तथा मेधा राजपूत डिप्टी जेलर, आदि उपस्थित रहे।