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भारतीय रेल ने उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद मण्डल में संपूर्ण ब्रॉड गेज नेटवर्क के विद्युतीकरण के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की

भारतीय रेल ने रेलवे विद्युतीकरण के मामले में कल एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। उत्तर पूर्व रेलवे के तहत
सुभागपुर-पछपेरवा ब्रॉड गेज (बीजी) मार्ग का विद्युतीकरण कार्य पूरा होने के साथ, भारतीय रेल ने उत्तर प्रदेश में सभी बीजी
मार्गों के विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर लिया है। इससे इस क्षेत्र में रेल संपर्क बेहतर होगा और रेलगाड़ियों की गति में
बढ़ोतरी होगी।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि को हासिल करने के लिए भारतीय रेल की सराहना की है।
इस उपलब्धि के साथ, भारतीय रेल ने छह जोनल रेलवे अर्थात् पूर्वी तटीय रेलवे (ईस्ट कोस्ट रेलवे), उत्तर मध्य
रेलवे, उत्तर पूर्व रेलवे, पूर्व रेलवे, दक्षिण पूर्व रेलवे, पश्चिम मध्य रेलवे में बीजी मार्गों के विद्युतीकरण का कार्य
पूरा कर लिया है। इसके अलावा, अत्यधिक उपयोग में आने वाला नेटवर्क (एचयूएन -5), झांसी-मुजफ्फरपुर-
कटनी अब पूर्ण रूप से विद्युतीकृत हो गया है। इससे भटनी-वाराणसी-नैनी (इलाहाबाद)-मानिकपुर-सतना-
कटनी और छपरा-वाराणसी सहित झांसी-लखनऊ-बाराबंकी-बुढ़वाल, गोंडा-आनंदनगर-गोरखपुर-
वाल्मीकिनगर-सुगौली, मुजफ्फरपुर-बछवाड़ा और नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा-समस्तीपुर,
सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर-हाजीपुर के बीच कनेक्टिविटी में बेहतर होगी।

भारतीय रेल
कुल रूट किलोमीटर (आरकेएम) के 85 प्रतिशत हिस्से के विद्युतीकरण के साथ, भारतीय रेल मिशन 100
प्रतिशत विद्युतीकरण को पूरा करने की दिशा में तेजी से प्रगति कर रहा है और यह दुनिया में सबसे बड़ा हरित
रेलवे नेटवर्क बन गया है।
मुरादाबाद मण्डल ने 1409.14 रूट किलोमीटर में 100% विद्युतीकरण हासिल कर लिया है। वर्तमान में
मुरादाबाद मण्डल 182 में से 155 ट्रेनों को इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर चलाता है। वर्ष – 2021-22 में, मुरादाबाद
मण्डल ने पिछले वर्ष की तुलना में एसईसी (विशिष्ट ऊर्जा खपत) में 22% की बचत भी दिखाई है।
विद्युताकर्षण पर स्विच करने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त हुए हैं:
1. पर्यावरण के अनुकूल परिवहन के साधन

2. आयातित डीज़ल ईंधन पर निर्भरता कम हुई है, जिससे क़ीमती विदेशी मुद्रा की बचत हुई और
कार्बन फ़ुटप्रिंट्स में कमी आई है
3. परिचालन लागत में कमी
4. इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव की उच्च ढुलाई क्षमता वाली भारी मालगाड़ियों और लंबी यात्री ट्रेनों की
ढुलाई से थ्रूपुट में वृद्धि हुई है
5. कर्षण परिवर्तन के कारण निरोध को समाप्त करके अनुभागीय क्षमता में वृद्धि हुई है
6. विशिष्ट ऊर्जा खपत की बचत

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