अंतराष्ट्रीय

भारतीय मजदूर ने मालिक पर ठोका मुकदमा ( मुकदमा)

सिंगापुर:तमिलनाडु के रहने वाले एक भारतीय शख्स ने सिंगापुर में काम पर जाते समय एक खचाखच भरी लॉरी से गिरने के बाद अपने नियोक्ताओं पर मुकदमा   ( मुकदमा) ठोक दिया. इस मामले में फैसला उनके पक्ष में रहा, जिसके बाद इस संपन्न देश में प्रवासी मजदूरों की कामकाजी स्थितियों और उनके इलाज को लेकर फिर से शुरू बहस हो गई है.

रामलिंगम मुरुगन कंपनी की गाड़ी से जब काम पर जा रहे थे, तभी हुए एक हादसे में उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया था. इस मामले में कोर्ट ने उनके नियोक्ता को एक लाख सिंगापुरी डॉलर बतौर मुआवजा देने का आदेश दिया है.

मुरुगन ने अपने नियोक्ता पर मुकदमा क्यों किया
दरअसल जनवरी 2021 में रामलिंगम मुरुगन 24 अन्य मजदूरों के साथ एक लॉरी के पीछे अपने डोरमेट्री से काम करने वाली जगह जा रहे थे. उन्होंने कहा कि तभी उन्हें एक अन्य मजदूर ने धक्का दे दिया, जो बारिश से बचने की जल्दी में था, जिससे उनका संतुलन बिगड़ गया और वह जमीन पर गिर गए. जब उनके दाहिने घुटने का दर्द कम नहीं हुआ तो उन्हें अस्पताल ले जाया गया, वहां उन्हें पता चला कि उनके दाहिने पैर में फ्रैक्चर हो गया है. फ्रैक्चर के लिए उनके पैरों की सर्जरी की गई और वह लगभग पांच महीने तक मेडिकल लीव पर रहे.

इसके बाद वर्ष 2022 में उन्होंने अपने नियोक्ता रिगेल मरीन सर्विसेज के खिलाफ मुकदमा दायर किया, जिसमें 100,000 सिंगापुरी डॉलर (60,86,955 भारतीय रुपये) के हर्जाने की मांग की गई. दुर्घटना के वक्त वह समुद्री जहाज मरम्मत कंपनी ‘रिगेल मरीन सर्विसेज’ के लिए स्ट्रक्चरल स्टील और शिप पैंटर के तौर पर काम कर रहे थे. हालाँकि कंपनी ने दावों का खंडन करते हुए कहा कि मुरुगन लॉरी से नीचे उतरते समय फिसल कर गिर गए थे. गुरुवार को उपलब्ध कराए गए फैसले में, जिला न्यायाधीश टैन मे टी ने मुरुगन के पक्ष में फैसला सुनाया, नुकसान का आकलन बाद में किया जाएगा.

सिंगापुर का रिकॉर्ड इस मामले में खराब
सिंगापुर जो दुनिया के सबसे अमीर और विकसित देशों में शुमार है, अपने मजदूरों की सुविधाओं और काम करने के हालात और सड़क दुर्घटना के मामले में उसका रिकॉर्ड उतना ही बुरा है. ज्यादातर दुर्घटनाएं तब होती हैं जब मजदूरों को उनके रहने वाली जगह से काम की जगह पर ले जाया जाता है, यह रहने की जगह शहर से बाहर होती है और यहां से लॉरी में मजदूरों को भरकर काम वाली जगह पर ले जाया जाता है.

एक लॉरी में मजदूरों को ठूंस ठूंस कर भर दिया जाता है, इसमें ना बैठने की जगह होती है और ना ही किसी तरह का कोई सीट बैल्ट, इस वजह से हर साल यहां सड़क दुर्घटना में कई लोग घायल होते है और कई बार मारे जाते हैं.

अप्रैल, 2021 में एक लॉरी 17 मजदूरों को लेकर काम की जगह पर जा रही थी, तभी वह एक्सप्रेस वे पर एक ट्रक से टकरा गई, इस दुर्घटना में 2 लोग मारे गए जिसमें एक भारतीय भी शामिल था.

जुलाई में, 26 लोग तब घायल हो गए थे जब मजदूरों को ले जाती दो लॉरियां एक बड़े हाइवे पर टकरा गई थी. सिंगापुर दुनिया के सबसे अमीर और विकसित देशों में शुमार है. जो दशकों से सस्ते मजदूरों से बहुत लाभ कमा रहा है.

मज़दूर अधिकार समूहों ने लॉरियों में श्रमिकों के परिवहन पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है, जिसका पहले भी कई सरकारी एजेंसियों ने समर्थन किया है.सिंगापुर में प्रवासी श्रमिकों की एक बड़ी आबादी है, करीब 14 लाख, जो कि कुल आबादी का एक चौथाई है.

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