हिंदी भाषा के उत्थान, प्रचार-प्रसार एवं अधिकाधिक प्रयोग हेतु संकल्पित भारतीय रेल परिवहन प्रबंधन संस्थान !
“राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना देश की शीघ्र उन्नति के लिए आवश्यक है।“ -अपर महानिदेशक, श्री संजय त्रिपाठी
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी का यह कथन हिंदी भाषा की महत्ता, उपयोगिता एवं अनिवार्यता को दर्शाता है एवं सत्यता यही है कि हिंदी भाषा के द्वारा सम्पूर्ण राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने का स्वप्न साकार किया जा सकता है|
अतः उक्त कथन का अनुसरण करते हुए भारतीय रेल के अंतर्गत भारतीय रेल परिवहन प्रबंधन संस्थान अपनी सम्पूर्ण रेल कार्य प्रक्रिया में हिंदी भाषा का अधिक से अधिक प्रयोग करते हुए अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन कर रहा है I
संस्थान राजभाषा अनुभाग के द्वारा हिंदी भाषा के उत्थान, प्रचार-प्रसार एवं अधिकाधिक प्रयोग हेतु एक क्रमबद्ध प्रारूप में प्रतिवर्ष विभिन्न प्रकार की हिंदी सम्बन्धी गतिविधियों एवं कार्यकलापों को आयोजित किया जाता है |
इस विषय में उल्लेखनीय कार्यकलापों के अंतर्गत आज दिनांक : 24.01.25 राजभाषा कार्यशाला का आयोजन किया गया | इस कार्यशाला में संस्थान में हिंदी के प्रचार प्रसार हेतु संस्थान में होने वाली गतिविधियों पर प्रकाश डाला गया |
राजभाषा सम्बन्धी गतिविधियों के ही अंतर्गत भारतीय रेल परिवहन प्रबंधन संस्थान द्वारा हिंदी पुस्तिका “अवनि” का त्रैमासिक प्रकाशन किया जाता है जिसमे संस्थान के अधिकारियों, परिवीक्षाधीन अधिकारीगण एवं कर्मचारियों की साहित्य सृजन क्षमता को प्रोत्साहित करते हुए उनके द्वारा लिखित रचनाओं, लेखो एवं अन्य साहित्य सामग्री को प्रकाशित किया जाता है | समय-समय पर राजभाषा अनुभाग द्वारा हिंदी भाषा के प्रसार-प्रचार हेतु विविध प्रकार की हिंदी प्रतियोगिताओं ,महापुरुषों के जयंती समारोह ,साहित्यकारों पर संगोष्ठी,तकनीकी संगोष्ठी समेत अनेक प्रकार की गतिविधियों को निरंतरता से आयोजित किया जाता है | संस्थान में एक पुस्तकालय की भी व्यवस्था है जिसमे हिंदी साहित्य क्षेत्र के अनेक प्रख्यात कवियों एवं लेखकों द्वारा सृजित रोचक एवं ज्ञानवर्धक साहित्य सामग्री पाठकों हेतु उपलब्ध रहती है I
अपर महानिदेशक, श्री संजय त्रिपाठी ने हिंदी की सरसता ,सरलता एवं लोकप्रियता का उल्लेख करते हुए हिंदी को संचार की सर्वश्रेष्ठ एवं सर्वसुलभ भाषा की संज्ञा देते हुए अवगत कराया कि मंडल हिंदी भाषा के उत्थान,प्रचार एवं प्रसार के प्रति पूर्ण समर्पित भाव से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहा है एवं हिंदी भाषा के विषय में भारत की अनेक विभूतियों द्वारा दिए गए कथनों का अनुसरण कर रहा है एवं भविष्य में हिंदी सम्बन्धी अनेक विविध योजनाओं को अमल में लाते हुए हिंदी भाषा के चहुँमुखी उत्थान का प्रावधान किया गया है I