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US में बन रहे विज्ञापनों में दिख रही भारतीय संस्कृति

न्यूयॉर्क । अमेरिका (Indian tradition) में रह रहे 46 लाख भारतीयों को लुभाने के लिए वहां कॉरपोरेट कंपनियां अब अलग से विज्ञापन बनाने को तरजीह दे रही हैं। कंपनियों में भारतवंशियों को लुभाने की होड़ इतनी ज्यादा है कि एशियाई अमेरिकी (Indian tradition) एडवरटाइजिंग फेडरेशन को सर्वे करना पड़ा।

इसमें भारतीयों की पसंद-नापसंद, आदतों और ध्यान आकर्षित करने वाली चीजों के बारे में पूछा गया। द इकोनॉमिस्ट के मुताबिक अमेरिका में किसी नेटिव अमेरिकी के राष्ट्रपति बनने से पहले भारतीय मूल का व्यक्ति राष्ट्रपति बनेगा। यहां कुल आबादी में भारतीय 1.4% है। ऐसे में इस बात की संभावना प्रबल है।

उनका जोर विज्ञापनों में भारत की संस्कृति और भारतीय हस्तियों को शामिल करने पर भी है। अमेरिका में भारतीय मूल के लोग सबसे ज्यादा-पढ़े लिखे हैं। उनके पास अमेरिकी नागरिकों की तुलना में औसत तीन गुना ज्यादा डिग्री है।

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के कार्तिक रामकृष्णन कहते हैं कि भारतीय-अमेरिकी अन्य अप्रवासी समूहों की तुलना में दानदाताओं, मतदाताओं और उम्मीदवारों के रूप में अधिक उभर रहे हैं।

ऐसे में उन्हें लक्ष्य मानते हुए विज्ञापन बनाना स्वाभाविक है। यहां के भारतवंशी जिन साइट्स पर भारत से जुड़े समाचार पढ़ते हैं, अमेरिकी कंपनियां उन पर भी विज्ञापन देती हैं। प्यू सर्वे के अनुसार, अमेरिका में भारतीय परिवारों की औसत घरेलू आय 95.02 लाख रुपए है।

यह एशिया के अन्य प्रवासियों से ज्यादा है। इसी कारण कंपनियों ने भारतीय त्योहार और रीति-रिवाज समझने शुरू कर दिए हैं। दिवाली, होली, पोंगल, दुर्गा पूजा, लोहड़ी जैसे पर्व पर तो वे विशेष विज्ञापन तैयार करवा रही हैं।

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