75 वर्षों में बहुत बदल गया Indian cinema

इस 15 अगस्त भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ यानी अमृत महोत्सव मनाने जा रहा है. इस मौके पर देशभर में तैयारियां जोरो-शोरों पर हैं, वहीं भारतीय सिनेमा भी इस खास मौके पर कुछ अलग करने पर विचार कर रहा हैं. 1974 में भारत को अंग्रेजों से मिली आजादी के बाद बीते 75वर्षों में काफी कुछ बदल गया है. रजनीति, व्यापार, रहन-सहन, फैशन, वाहन, घर और सिनेमा सहित हर क्षेत्र में बड़ा बदलाव आया है. इन 70 दशकों में पैसों की वैल्यू पर भी काफी असर पड़ा है. पहले मिलने वाले सामानों की कीमत आज के जमाने में कुछ भी नहीं है.
75 वर्षों में काफी बदल गया है सिनेमा – आज हम आपको पिछले 75वर्षों में फिल्में देखने के नजरिए और मूवी टिकट की कीमतों में आए बदलाव के बारे में बताने जा रहे हैं. बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री ने हाल ही में 100 वर्ष पूरे किए हैं, लेकिन आजादी के बाद से सिनेमा में काफी बदलाव देखने को मिला. आपको जानकर हैरानी होगी कि 1947 में 25 पैसे के फिल्म टिकट से दिलीप कुमार की एक फिल्म ने 50 लाख रुपए का कलेक्शन किया था. आज हम किसी भी फिल्म के लिए 250 रुपए की टिकट लेते हैं, जिसके उस फिल्म को 300 करोड़ क्लब में शामिल होने में एक महीने से भी कम समय लगता है.
1947 में डॉलर के मुकाबले रुपए की वैल्यू
आज के समय में यानी वर्ष 2022 में 1 डॉलर के मुकाबले रुपया 80 रुपए से भी अधिक पर पहुंच गया है. लेकिन 1947 में 4 रुपए के बराबर 1 डॉलर की कीमत थी. वहीं भारत की आजादी के समय रिलीज हुई फिल्मों की टिकट 25 पैसे हुआ करती थी. जबकि इस साल रिलीज हुई फिल्म आरआरआर की टिकट 300 से 500 के बीच बिकी. किसी-किसी फिल्म की टिकट तो भारत में 700 रुपए के करीब बिकी. इतना ही नहीं दर्शक पहले भी फिल्म देखने उतने ही उत्साह से जाते थे, जितना की आज थिएटर्स में जाते हैं.
1947 से 1960 तक फिल्मों की टिकट की कीमत -:
आजादी के 10 साल बाद सिनेमा में काफी कुछ बदल चुका था. इसके साथ फिल्मों के टिकट की कीमतों में भी इजाफा होने लगा. 1957 में रिलीज हुई सुपरहिट फिल्म ह्यमदर इंडिया के देखने के लिए दर्शकों को थिएटर में तकरीबन 1 से 1.50 रुपए तक भुगतान करना पड़ा. इसके बाद फिल्मों की बजट के साथ-साथ टीकट की कीमतों में भी लगातार इजाफा होता गया. 1960 में रिलीज हुई सुपरहिट फिल्म मुगल-ए-आजम के टिकट की कीमत मात्र 2 रुपए थी.
70-80 के दशक में फिल्मों के टिकट की कीमत -:
साल 1972 में रिलीज हुई फिल्म के टिकट 3 रुपए में बेचे गए थे. मई 1975 में आई अमिताभ बच्चन की मशहूर फिल्म दीवार की टिकट सिर्फ 3 रुपए हुआ करती थी. 80 के देशक में बॉलीवुड देशभर के कोने-कोने में पहुंच चुका था, लोग अपने चहेते कलाकार को देखने के लिए थिएटर्स के बाहर लंबी लाइन में खड़े रहते थे. साल 1980 में आई फिल्म ह्यकुरबानीह्ण के टिकट की कीमत 4 रुपए 40 पैसे थी, तो वहीं देशभक्ति पर आधारित 1981 में रिलीज हुई फिल्म क्रांति के लिए टिकट की कीमत बढ़कर 6 रुपए कर दी गई थी.
फिल्में और उनके टिकट का प्राइस
जुगनू (1973), टिकट की कीमत 3 रुपए.
धरम-वीर (1977), टिकट की कीमत 4 रुपए 95 पैसे.
द बर्निंग ट्रेन (1980), टिकट की कीमत 7 रुपए.
लावारिस (1981), टिकट की कीमत 6 रुपए.
शक्ति (1982), टिकट की कीमत 7 रुपए