अंतराष्ट्रीय

भारत यूक्रेन(Ukraine’)के ग्रेन कॉरिडॉर से नहीं जुड़ेगा अरिंदम बागची

नई दिल्ली. भारत सरकार ने गुरुवार को कहा कि वह यूक्रेन (Ukraine’) के ग्रेन कॉरिडॉर से नहीं जुड़ रही. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, हालांकि, खाद्य की कीमत में उछाल के वक्त भारत ने कई देशों को खाद्य सामग्री मुहैया कराई है. यूक्रेन के ग्रेन कॉरिडॉर से जुड़े एक सवाल के जवाब में बागची ने कहा, मुझे इसकी जानकारी है. हम द्वि-पक्षीय संबंधों के मद्देनजर सहयोग कर रहे हैं. मैं इस बारे में स्पष्ट नहीं कह सकता कि हम यूक्रेन के ग्रेन कॉरिडॉर से जुड़ेंगे या नहीं. लेकिन, संभावना इस बात की है कि हम नहीं जुड़ेंगे. क्योंकि हमारा ध्यान दक्षिण की तरफ है.

गौरतलब है कि ‘द ग्रेन कॉरिडॉर’ को ‘ब्लैक सी ग्रेन कॉरिडॉर’ के नाम से भी जाना जाता है. इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र संघ ने की है. इसके तहत यूक्रेन के उन बंदरगाहों के आस-पास पहुंचना है, जिन्हें रूस ने अपने कब्जे में ले लिया है और वहां से निर्यात बंद कर दिया है. इसके लिए इंस्तांबुल, तुर्की में 27 जुलाई को समझौते पर हस्ताक्षर हुए. यहां से यूक्रेन के खाद्य निर्यात के लिए रास्ता दिया गया. इससे वैश्विक स्तर पर महंगी हुई खाद्य सामग्री की कीमतों को नियंत्रित किया जा सका. इसके लिए यूक्रेन, रूस और तुर्की का एक संयु्क्त समन्वय केंद्र बनाया गया. यह केंद्र समझौते की प्रक्रिया पर नजर रखता है.

विदेश मंत्रालय ने कही ये बात
विदेश मंत्रालय के बागची ने कहा, भारत का ध्यान द्विपक्षीय सहयोग की बढ़ाना है. इसमें खाद्य असुरक्षा से घिरे राष्ट्रों के लिए खाद्य सामग्री की आपूर्ति भी शामिल है. उन्होंने कहा, हमने खासतौर से कई अफ्रीकी देशों से सहयोग बढ़ाया है. उसके अलावा हम पिछले कुछ महीनों से कई अन्य देशों से भी सहयोग कर रहे हैं. बागची ने कहा कि, यूक्रेन से इस तरह की कोई सहायता नहीं मांगी गई है, जिसमें बिजली उत्पादन के उपकरणों की मांग की गई हो. हम उसकी मानवीय मदद की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. यह मानवीय सहायता भी उस वक्त उपलब्ध कराई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की के बीच टेलीफोन पर वार्ती हुई.

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