यूएन(UN) में भारत ने हिना रब्बानी को दिखाई आईना

नई दिल्ली. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) (UN) में पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने भारत पर झूठे आरोप लगाने की कोशिश की तो उनके आरोपों पर भारत ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया है. जिनेवा में भारतीय राजनायिक सीमा पुजानी ने पाकिस्तान को आतंकवाद फैलाने वाला देश बताया है. परिषद में भारत की प्रतिनिधि सीमा पुजानी ने कहा, ‘पाकिस्तान की आबादी अपने जीवन, आजीविका और स्वतंत्रता के लिए लड़ रही है, लेकिन भारत के प्रति पाकिस्तान का जुनून गलत प्राथमिकताओं का संकेत है. मैं इसके नेतृत्व और अधिकारियों को सलाह देती हूं कि वे आधारहीन प्रचार के बजाय अपनी खुद की आबादी के लाभ के लिए काम करने पर अपनी ऊर्जा केंद्रित करें.
उन्होंने जम्मू-कश्मीर पर तुर्की के प्रतिनिधि और इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की टिप्पणियों पर भी खेद जताया. सीमा पुजानी ने कहा, ‘हम भारत के आंतरिक मामले पर तुर्की की टिप्पणियों पर खेद जताते हैं और उसे सलाह देते हैं कि वह हमारे आंतरिक मामलों पर अवांछित टिप्पणी करने से बचें. उन्होंने कहा, ‘जहां तक ओआईसी के बयान का संबंध है, हम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के बारे में अनुचित संदर्भों को खारिज करते हैं. तथ्य यह है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों के पूरे क्षेत्र भारत का हिस्सा रहे हैं, हैं और हमेशा रहेंगे. पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है.
पाकिस्तान की विदेश मंत्री के इस बयान पर दिया जवाब
ओआईसी ने अपने सदस्य पाकिस्तान से राज्य प्रायोजित आतंकवाद छोड़ने और भारतीय क्षेत्र से अपना कब्जा हटाने का आह्वान करने के बजाय पाकिस्तान को भारत के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण प्रचार में शामिल होने के अपने नापाक एजेंडे को अंजाम देने के लिए अपने मंच का दुरुपयोग करने दिया है. पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने गुरुवार को कहा था, ‘राजनीतिक फायदे ने हिंदुत्व शासन को कश्मीरी लोगों के अधिकारों की वैध खोज की तुलना आतंकवाद के साथ गलत तरीके से करके अमानवीय बनाने के लिए माफ कर दिया है.
तुर्की को दी ये सलाह
सीमा पुजानी ने कहा, “हम तुर्की द्वारा भारत के आंतरिक मामले पर की गई टिप्पणियों पर खेद जताते हैं. साथ ही तुर्की को सलाह देते हैं कि वह हमारे आंतरिक मामलों पर अवांछित टिप्पणी करने से परहेज करे.’ उन्होंने कहा, ‘जहां तक ओआईसी के बयान का संबंध है, हम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के अनुचित संदर्भों को खारिज करते हैं. तथ्य यह है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पूरे क्षेत्र भारत का हिस्सा थे, हैं और हमेशा रहेंगे.”
खार ने कहा, ‘भारतीय कब्जे वाले अधिकारियों ने आवासीय घरों को ध्वस्त करके और जमीन के पट्टे समाप्त करके कश्मीरियों को उनकी सामूहिक सजा में वृद्धि की है ताकि कश्मीरियों को उनकी आजीविका से वंचित किया जा सके.