अंतराष्ट्रीय

पाकिस्तान की ओर से दिए गए बयान पर – भारत का पलटवार

यूएनएचआरसी में भारत ने कहा, पाकिस्तान के खुद के जांच आयोग को पिछले एक दशक में ‘जबरन गायब’ किए जाने की 8,463 शिकायतें मिली हैं। बलूच लोगों ने इस क्रूर नीति का खामियाजा भुगता है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में पाकिस्तान की ओर से दिए गए बयान पर भारत ने पलटवार किया है। भारत ने ‘जवाब के अधिकार’ (राइट टू रिप्लाई) का इस्तेमाल करते हुए कहा कि पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने एक बार फिर हमारे खिलाफ दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार के लिए इस मंच का दुरुपयोग किया है।

भारत ने कहा, “पाकिस्तान के खुद के जांच आयोग को पिछले एक दशक में ‘जबरन गायब’ किए जाने की 8,463 शिकायतें मिली हैं। बलूच लोगों ने इस क्रूर नीति का खामियाजा भुगता है। छात्रों, डॉक्टरों, इंजीनियरों, शिक्षकों और सामुदायिक नेताओं को राज्य द्वारा नियमित रूप से गायब कर दिया जाता है।” भारत ने आगे कहा, ईसाई समुदाय के साथ भी उतना ही बुरा व्यवहार है। इसे (ईसाई समुदाय) अक्सर सख्त ईशनिंदा कानूनों के जरिए लक्षित किया जाता है। राज्य के संस्थान आधिकारिक तौर पर ईसाइयों के लिए ‘सफाईकर्मी’ की नौकरियों को आरक्षित करते हैं। यूएनएचआरसी में भारत ने आगे कहा, राज्य की हिंसा और उदासीन न्यायपालिका के कारण अन्य समुदायों की कम उम्र की लड़कियों को इस्लाम में परिवर्तित किया जाता है। हिंदू और सिख समुदायों को अपने पूजा स्थलों पर लगातार हमले और उनकी कम उम्र की लड़कियों को जबरन धर्मांतरण जैसे मुद्दों का सामना करना पड़ता है।

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