अंतराष्ट्रीय

खालिस्तानी समर्थकों का उपद्रव पर भारत सख्त, ऑस्ट्रेलिया (Australia)के समक्ष उठाया मुद्दा

नई दिल्ली. भारत ने खालिस्तान समर्थक तत्वों द्वारा ब्रिस्बेन में उसके मानद वाणिज्य दूतावास के बाहर प्रदर्शनों का मामला (Australia)ऑस्ट्रेलिया के समक्ष उठाया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि बुधवार को प्रदर्शनों के बाद वाणिज्य दूतावास में काम कुछ समय के लिए रोक दिया गया था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 मार्च को अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज के साथ ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमलों की हालिया घटनाओं के साथ-साथ उस देश में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों के मुद्दे को उठाया.

अल्बनीज ने अगले दिन कहा कि उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष मोदी को आश्वासन दिया कि ऑस्ट्रेलिया धार्मिक स्थलों पर हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा और ऐसी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को “कानून की पूर्ण सख्ती” का सामना करना पड़ेगा. बागची ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘वहां एक मानद वाणिज्य दूतावास है न कि भारत का महावाणिज्य दूतावास. मैं समझता हूं कि प्रदर्शनकारी कम संख्या में थे. कुछ देर के लिए कुछ व्यवधान भी आया. लेकिन यह बंद नहीं हुई है.’

उन्होंने प्रदर्शन के कुछ वीडियो के संदर्भ में कहा, ‘मानद वाणिज्य दूतावास आवश्यक सेवाएं प्रदान करते हुए सामान्य रूप से काम कर रहा है. मैं फुटेज पर, विशेष रूप से वीडियो फुटेज पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा, जिनकी पुष्टि नहीं हुई है.’ बागची ने कहा कि भारत ने ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को उठाया है. बागची ने कहा, ‘हमने इसे सरकार के सामने उठाया है। आपने प्रधानमंत्री को ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के साथ इसे उठाते हुए सुना है. और जब भी ऐसी घटनाएं होती हैं, हम नियमित आधार पर इसे उठाते रहे हैं। दुर्भाग्य से वे कई बार हुई हैं.’

उन्होंने कहा, ‘हमारी टीमें संपर्क में हैं और इसी कारण हम इसे इतनी जल्दी उठा पाए. मैं टीमों के संयोजन या स्तर पर नहीं जा रहा हूं, लेकिन वे संपर्क में हैं.’ खालिस्तान समर्थकों द्वारा तथाकथित जनमतसंग्रह के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘जहां तक तथाकथित जनमत संग्रह का संबंध है, इस पर हमारे विचार बहुत स्पष्ट हैं. जो हम उन्हें बताने जा रहे हैं, मैं उसका फिर से उल्लेख नहीं करने जा रहा हूं… हमने न केवल ऑस्ट्रेलिया में बल्कि अन्य हिस्सों में भी अपने समकक्षों को इसकी जानकारी दी है, जहां भी इस तरह के प्रयास किए गए हैं.’

 

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