अंतराष्ट्रीय

भारत (India)ने यूएन में चीन को सुना दी खरी-खोटी

नई दिल्ली. चीन द्वारा संयुक्त राष्ट्र में आतंकी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव पर रोक लगाने पर भारत        (India) सरकार ने प्रतिक्रिया दी है. आतंकवाद-निरोध पर एक उच्च-स्तरीय संयुक्त राष्ट्र (यूएन) सम्मेलन में, भारत ने बुधवार को अप्रत्यक्ष रूप से चीन पर निशाना साधा. बीते मंगलवार को चीन ने अपने वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए भारत और यूएस द्वारा UNSC में आतंकी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव पर रोक लगा दिया था. इसपर नाराजगी जाहिर करते हुए संयुक्त राष्ट्र के संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने कहा कि न्याय अभी भी मुंबई आतंकवादी हमलों के पीड़ितों से दूर है.

बैठक में चलाई गई साजिद मीर की ऑडियो रिकॉर्डिंग
बैठक में साजिद मीर द्वारा साथी आतंकवादियों को ताज होटल के अंदर विदेशियों का शिकार करने और उन्हें अंधाधुंध तरीके से मारने का एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी चलाया गया. प्रकाश गुप्ता ने कहा, “मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड साजिद मीर को भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और कई अन्य देशों के राष्ट्रीय कानूनों के तहत एक प्रतिबंधित आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया गया था. लेकिन जब साजिद मीर को सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव को सहमति नहीं मिली. इससे हमारे पास यह मानने के उचित कारण हैं कि वैश्विक आतंकवाद विरोधी ऑर्किटेक्चर में कुछ गलत है.”
निजी हितों के चलते प्रयास को रोका गयाः भारत सरकार
भारत सरकार ने यूएन में चीन के इस कदम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कुछ निजी हितों के चलते प्रयासों को रोका गया है. इससे यह स्पष्ट होता है कि हमारे पास आतंकवाद की चुनौती से ईमानदारी से लड़ने की राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि दुनिया में अच्छा या बुरा आतंकवाद जैसा कुछ नहीं होता है. इसलिए दोहरापन से बचना होगा. बता दें कि चीन ने भारत और अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिये लाए गए प्रस्ताव पर मंगलवार को अड़ंगा लगा दिया था. पाकिस्तान में मौजूद मीर 26 नवंबर 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में शामिल होने के कारण वांछित है.

चीन ने UNSC में प्रस्ताव पर लगाया रोक
चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत वैश्विक आतंकवादी के रूप में मीर को काली सूची में डालने और उसकी संपत्ति जब्त करने, यात्रा प्रतिबंध और हथियार प्रतिबंध लगाने के लिए अमेरिका द्वारा पेश किए गए तथा भारत द्वारा साथ मिलकर तैयार किए गए प्रस्ताव पर अड़ंगा लगा दिया. पिछले साल सितंबर में भी चीन ने संयुक्त राष्ट्र में मीर को आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव पर अड़ंगा लगा दिया था. बीजिंग ने अब प्रस्ताव को रोक दिया.
आतंकी मीर को सुनाई जा चुकी है सजा
मीर, जिसकी उम्र 40 से 50 के बीच है, भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक है और 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी भूमिका के लिए अमेरिका द्वारा उस पर 50 लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा गया है. पिछले साल जून में, मीर को पाकिस्तान में एक आतंकवाद-रोधी अदालत द्वारा आतंक के वित्तपोषण मामले में 15 साल से अधिक समय के लिए जेल की सजा सुनाई गई थी.
पाकिस्तानी अधिकारियों ने पूर्व में दावा किया था कि मीर की मृत्यु हो गई, लेकिन पश्चिमी देशों ने उसकी मृत्यु का प्रमाण मांगा. पिछले साल के अंत में वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा कार्य योजना पर पाकिस्तान की प्रगति के आकलन में यह मुद्दा एक प्रमुख बाधा बन गया. मीर पाकिस्तान स्थित लश्कर का वरिष्ठ सदस्य है और नवंबर 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में संलिप्तता के लिए वांछित है.

 

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