अंतराष्ट्रीय

ब्रिक्स समिट में भारत को मिल रही तवज्‍जो  ((ब्रिक्स समिट) )

नई दिल्‍ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका के जोहान्‍सबर्ग में 22 से 24 अगस्‍त के बीच होने वाले ब्रिक्‍स शिखर  ((ब्रिक्स समिट) ) सम्‍मेलन में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं तो वहीं ब्रिक्‍स समूह के अन्‍य सदस्‍य ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका अपनी विदेश नीति को आगे बढ़ाने पर चर्चा करेंगे. वहीं ब्रिक्‍स के भीतर अपने प्रभाव और एजेंडे को और अधिक बढ़ाने पर जोर देंगे.

चीन चाहता है कि वह ब्रिक्‍स को मजबूत बनाते हुए पश्चिमी देशों को टक्‍कर दे. इसको देखते हुए वह अपने नेतृत्‍व वाले ब्रिक्‍स में अन्‍य देशों को शामिल करना चाहता है. दूसरी तरफ करीब 40 देश ब्रिक्‍स में शामिल होना चाहते हैं जिनमें यूएई, सऊदी अरब, ईरान और इंडोनेशिया शामिल हैं.

भारत ने साफ कह दिया है कि वह किसी गुट में शामिल नहीं होगा, वहीं दक्षिण अफ्रीका ने भी ब्रिक्‍स समिट से पहले ऐसी घोषणा कर दी है. दरअसल चीन, ब्रिक्‍स का नेतृत्‍व करता है और इसका हेड क्‍वार्टर शंघाई में है. यह संगठन उभरती हुई अर्थव्‍यवस्‍थाओं के बीच सहयोग और व्‍यापार बढ़ाने का एक अवसर देता है. चीन इसके जरिए अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है. उसकी इच्‍छा है कि ब्रिक्‍स में अन्‍य देश शामिल हों और वह कई देशों तक अपनी पहुंच बना सके.

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