main slide

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर जागरूक किया  : 3,682 बाघों का घर बना भारत अब बाघ संरक्षण में वैश्विक अग्रणी

विचार सूचक -: (अफजलगढ़ ) -: अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर टीम टाइगर सेविन समिति ने बिजनौर जनपद के तहसील धामपुर ब्लॉक कासमपुर गाढ़ी(अफजलगढ़) ग्राम पंचायत रायपुरी के गांव देवानंदपुर गढ़ी में जागरूकता अभियान चलाया जिसके तहत खेतों पर काम करने वाले  किसानो को जागरूक किया जिसमें बताया गया कि २९ जुलाई को टाइगर दिवस क्यों मनाया जाता है टीम टाइगर सेविन  समिति ने उन सभी को बाघों के बारे में जानकारी दी और सभी को  की जब भी खेतों में काम करें पूरी  सावधानी बरतें जब भी आपको बाघ दिखाई दे तो शोर न मचाएँ चुपचाप एक साइड में हट जाए जिससे बाघ को लगे कि वह सुरक्षित है और कभी भी बाघ अगर खेत में आ जाए तो उसे चारों ओर से घेरना नहीं है बल्कि सभी लोग एक साइड आ जाएं जिससे  बाघ जहाँ से आया है वही से वापस चला जाए।
टीम टाइगर सेविन समिति की टीम लगातार लोगों को जागरुक कर रही है जितने भी जंगल से लगे गांव हैं उन सभी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। भारत ने बाघ संरक्षण में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है और यहां 3,682 बाघ हैं। भारत बाघ संरक्षण में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनकर उभरा है, जहाँ इस शानदार जीव के लिए 58 अभयारण्य समर्पित हैं। उन्होंने आगे कहा कि बाघ संरक्षण केवल प्रजातियों को बचाने के बारे में नहीं है |
         बाघों की बढ़ती संख्या उन जंगलों के स्वास्थ्य का भी प्रतीक है जहाँ वे रहते हैं। जनता से बाघों और उनके पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा करने का संकल्प लेने का भी आग्रह किया, जिससे स्थानीय समुदायों के लिए आजीविका के अवसर भी बढ़ेंगे। भारत ने न केवल अपने बाघों को बचाया है, बल्कि उनके लिए एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र भी बनाया है। देश भर में कई समुदाय बाघ की पूजा करते हैं और कई आदिवासी संस्कृतियों में बाघ को भाई माना जाता है। भारत न केवल बाघों को बचा रहा है; बल्कि दुनिया के लिए एक मिसाल भी कायम कर रहा है। 58 बाघ अभयारण्यों और बढ़ती संख्या के साथ, भारत वैश्विक संरक्षण अभियान का नेतृत्व कर रहा है। बाघों की संख्या 1411 से बढ़कर 3682 हो गई है, जो मज़बूत शासन और सक्रिय जनभागीदारी का नतीजा है।
                अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस हर साल 29 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में बाघ संरक्षण और प्रबंधन को बढ़ावा देने के प्रयास में सभी बाघ-क्षेत्रीय देशों को एकजुट करना है। इस वर्ष, इसका विषय है “मूल निवासियों और स्थानीय समुदायों को केंद्र में रखकर बाघों के भविष्य को सुरक्षित करना। इस अवसर पर वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर/अध्यक्ष ए आर रहमान, अजमेर सिंह, नवजीत सिंह, सुखबीर सिंह, सुखदेव सिंह, करनैल सिंह, अंकित, शिवम कुमार, गुरप्रीत सिंह, सीमा, निशा, दीपा, हरविंदर सिंह, अशमीत कौर, सुखविंदर सिंह, परमजीत सिंह, अन्य लोग उपस्थित रहे।

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button