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पशुओं में फैलते संक्रमण को देखते हुए कड़ाई से दिशा निर्देश का करे पालन :– जिलाधिकारी

मैनपुरी 26 अगस्त, 2022- जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने बताया कि अपर मुख्य सचिव पशुधन उ.प्र. ने भारत के विभिन्न राज्यों में विशेषकर उत्तर प्रदेश के समीपवर्ती राज्यों में गोवंशीय व महिषवंशीय पशुओं में लम्पी बीमारी के लक्षण पाए जाने के दृष्टिगत सतकर्ता बरते जाने की आवश्यकता व्यक्त की है। जिसके संबंध में निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करने हेतु निर्देशित किया गया है।

उन्होंने बताया कि जनपद के समस्त गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं के अन्य जनपदों के परिवहन पर पूणर्तयः प्रतिबंध लगाया जाए। विशेषकर पश्चिम से पूर्व की ओर जा रहे पशुओं को हाईवे, चेकपोस्ट, पुलों आदि पर निगरानी करते हुए पूणर्तयः रोका जाए। जनपद में अग्रिम आदेशों तक गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं का कोई भी हाॅट-मेला इत्यादि के आयोजन पर प्रतिबंध लगाया जाए।

अग्रिम आदेशों तक गो-आश्रय स्थलों में कोई नया गोवंश संरक्षित न किया जाए। यह आदेश नगर निकायों, अस्थाई गो-आश्रय स्थलों, निजी अथवा स्वयंसेवी संस्था द्वारा संचालित गो-आश्रय स्थलों पर लागू होगा। उन्होने बताया कि जनपद में अभी तक किसी भी पशु में उक्त बीमारी के कोई लक्षण नहीं पाए गए हैं। यदि जनपद की किसी भी ग्राम पंचायत, न्याय पंचायत में पशुपालक के गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं में विषाणुजनित बीमारी के लक्षण दिखाई दें। तो पशुपालन विभाग में जनपद स्तर पर संचालित कंट्रोल रूम के मोबाइल नम्बर 9452945076, 9412225422 पर तत्काल सूचित करें

श्री सिंह ने समस्त उप जिलाधिकारियों, अधिशासी अधिकारी नगर निकाय, खंड विकास अधिकारियों, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों, पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि लम्पी स्किन डिसीज के संक्रमण रोग को देखते हुए जनपद के विभिन्न स्थानों में लगने वाले पशु मेला, हाॅट पर अग्रिम आदेशों तक तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जाये। गो-आश्रय स्थलों में बीमारी के दृष्टिगत रखते हुए गोवंशों के आवागमन पर पूणर्तयः रोक लगायी जाये। जनपद में (एन.एस.डी.) लम्पी स्किन डिसीज बीमारी के प्रकोप से बचाने हेतु अपने स्तर से प्रभावी कायर्वाही करना सुनिश्चित करें।

*जनपद में अग्रिम आदेशों तक गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं का कोई भी हाॅट-मेला इत्यादि के आयोजन पर प्रतिबंध लगाया जाए:– जिलाधिकारी

महर मई गांव में लोगों को खाद्यान्न किट के साथ  व अन्य सामान वितरण करते क्षेत्रीय विधायक रामनरेश अग्निहोत्री
महर मई गांव में लोगों को खाद्यान्न किट के साथ व अन्य सामान वितरण करते क्षेत्रीय विधायक रामनरेश अग्निहोत्री

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने पशुपालकों से कहा है कि लम्पी स्किन डिजीज एक विषाणुजनित रोग है। इस रोग में पशु को तेज बुखार, आंख, नाक से पानी गिरना, पैरों में सूजन, पूरे शरीर में कठोर एवं चपटी गांठ आदि प्रकार के लक्षण पाये जाते हैं। कभी-कभी सम्पूर्ण शरीर की चमड़ी विशेष रूप से सिर, गदर्न, थूथन, थनों, गुदा व अंडकोष या योनिमुख के बीच के भाग पर गांठो के उभार बन जाते है।

पूरा शरीर गांठो से ढक जाता है, गांठे नैक्रोटिक और अल्सरेटिव भी हो सकते हैं। जिससे मक्खियों द्वारा अन्य स्वस्थ्य पशुओं में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। गम्भीर रूप से प्रभावित जानवरों में नैक्रोटिव घाव, श्वसन और जठरांत्र में भी विकसित हो जाते हैं। श्वसन पथ में घाव होने से सांस लेने में कठिनाई होती है। पशुओं का वजन घट जाता है, शरीर कमजोर हो जाता है, एवं अत्याधिक कमजोरी से पशु की मृत्यु भी हो सकती है। गाभिन पशुओं में गभर्पात हो सकता है, दुधारू गायों में दूध उत्पादन काफी कम हो जाता है।

उन्होने कहा कि यदि किसी पशु में उक्त लक्षण दिखाई दें तो तत्काल निकटतम पशु चिकित्साधिकारी को सूचित करें। प्रभावित पशु को स्वस्थ्य पशु से अलग करें, प्रभावित पशुओं का आवागमन प्रतिबन्धित करें। पशुओं को सदैव साफ पानी पिलायें, पशु के दूध को उबाल कर पियें, पशुओं को मच्छरों, मक्खियों, किलनी आदि से बचाने हेतु पशुओं के शरीर पर कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करें।

पशुबाड़े और पशु खलिहान की फिनायल, सोडियम हाइपोक्लोराइट इत्यादि का छिड़काव कर उचित कीटाणु शोधन करें। बीमार पशुओं की देखभाल करने वाले व्यक्ति को भी स्वस्थ पशुओं के बाड़े में दूर रहें। पहले स्वस्थ्य पशुओं को चारा व पानी दें, फिर बीमार पशुओं को दें, बीमार पशुओं को प्रबन्धन करने के पश्चात हाथ साबुन से धोयें। पशु मेला एवं प्रदशर्नी में अपने पशुओं को न भेजें, प्रभावित क्षेत्रों से पशु खरीद कर न लायें यदि किसी पशु की मृत्यु होती है। तो शव को खुले में न फेके एवं वैज्ञानिक विधि से दफनायें।

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