उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में 42 जनपदों के बिजली के निजीकरण के विरोध में देश के 27 लाख बिजली कर्मी सड़कों पर उतरे: ग्रांट थॉर्टन को क्लीन चिट देने के समाचार से बिजली कर्मियों में गुस्सा: उप्र के सभी जनपदों में जोरदार विरोध !

मैनपुरी -: रामजी लाल मैनपुरी में नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान  पर आज देश के सभी प्रांतों के बिजली कर्मचारियों ,जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओ ने उत्तर प्रदेश में 42 जनपदों के किये जा रहे बिजली के निजीकरण के विरोध में  जोरदार प्रदर्शन किया। जनपद मैनपुरी में मंडल कार्यालय पर आज बिजली कर्मचारियों ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन कर अपने आक्रोश को व्यक्त किया | विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, के पदाधिकारी श्री अनिल कुमार वर्मा, श्री हंसराज कौशल, श्री राधेश्याम यादव, श्री पियूष शुक्ला, श्री ऐन्द्र कुमार शर्मा एवं श्री शिवांश तिवारी ने बताया कि यह चर्चा है कि निजीकरण हेतु नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन को झूठा शपथ पत्र देने के बावजूद निदशक वित्त श्री निधि नारंग ने उसे क्लीन चिट दे दी है।
                    उल्लेखनीय है कि इंजीनियर ऑफ कांट्रैक्ट ने झूठा शपथ पत्र देने के मामले में ग्रांट थॉर्टन का नियुक्ति आदेश रद्द करने की सिफारिश की थी। इसे न मान कर अब अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन को क्लीन चिट देकर निजीकरण की प्रक्रिया तेज की जा रही है। संघर्ष समिति ने कहा कि इस घटना से ऐसा प्रतीत होता है कि प्रबंधन की निजी घरानों से मिली भगत है। इसीलिए तीसरी बार श्री निधि नारंग को सेवा विस्तार दिया गया है।
                           राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन के जिला अध्यक्ष श्री अजीत सिंह एवं सचिव श्री अजय यादव जी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार  ने विद्युत वितरण निगमों में घाटे के भ्रामक आंकड़ों देकर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का निर्णय लिया है जिससे उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा व्याप्त है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मी विगत 06 माह से लगातार आंदोलन कर रहे हैं किंतु अत्यंत खेद का विषय है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आज तक एक बार भी उनसे वार्ता नहीं की।
                           विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ के सदस्य  श्री अंकित जादौन ने बताया कि उत्तर प्रदेश में गलत पावर परचेज एग्रीमेंट के चलते विद्युत वितरण निगमों को निजी बिजली उत्पादन कंपनियों को बिना एक भी यूनिट बिजली खरीदे 6761 करोड रुपए का सालाना भुगतान करना पड़ रहा है । इसके अतिरिक्त निजी घरानों से बहुत महंगी दरों पर बिजली खरीदने के कारण लगभग 10000 करोड रुपए प्रतिवर्ष का अतिरिक्त भार आ रहा है। उत्तर प्रदेश में सरकारी  विभागो पर 14400 करोड रुपए का बिजली राजस्व का बकाया है। उत्तर प्रदेश सरकार की नीति के अनुसार किसानों को मुफ्त बिजली दी जाती है, गरीबी रेखा से नीचे के बिजली उपभोक्ताओं को 03 रुपए प्रति यूनिट की दर पर बिजली दी जाती है जबकि बिजली की लागत  रुपए 07.85 पैसे प्रति यूनिट है। बुनकरों आदि को भी सब्सिडी दी जाती है। सब्सिडी की धनराशि ही लगभग 22000 करोड रुपए है। उत्तर प्रदेश सरकार इन सबको घाटा बताती है और इसी आधार पर निजीकरण का निर्णय लिया गया है।
                 उत्तर प्रदेश में किए जा रहे बिजली के निजीकरण के विरोध में आज देशभर में 27 लाख बिजली कर्मचारियों ने सभी जनपदों और परियोजनाओं पर भोजन अवकाश के दौरान सड़क पर उतरकर व्यापक विरोध प्रदर्शन किया और उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों के साथ अपनी एकजुटता दिखाई। बिजली कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों का कोई भी उत्पीड़न करने की कोशिश की गई तो देश के तमाम 27 लाख बिजली कर्मी मूक दर्शन नहीं रहेंगे और सड़क पर उतर कर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की होगी।
                  जूनियर इंजिनियर संगठन के सदस्य श्री महेश प्रभाकर, श्री सुरेन्द्र सिंह, श्री नेत्रपाल सिंह, श्री मुन्नीलाल गुप्ता, श्री रवि प्रकाश, श्री धनवीर नागर, श्री प्रवीण प्रताप, श्री देवेन्द्र सिंह, श्री शुभम मधेशिया, श्री पंकज कन्नौजिया, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष,पुष्कर, श्री हरवीर सिंह, श्री ओम प्रकाश, श्री रति राम, श्री प्रदीप कुमार, श्री मनीष यादव, श्री नारायण सिंह, श्री सोहन सिंह, श्री अनिल कुमार, श्री श्याम किशोर बिन्द, श्री त्रिलोकी सिंह, श्री राम अवध राम, श्री सत्येन्द्र प्रजापति, श्री ज्ञानेंद्र  श्री प्रदीप कुमार, क्षेत्रीय प्रचार सचिव, श्री श्याम किशोर बिन्द, श्री रवि कुमार, श्री राज कुमार, विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ के सदस्य  श्री पीतम सिंह, श्री अनूप कुमार, श्री शिव नारायन, उमेर हसन, श्री अंकित राठौर, श्री सौरभ, श्री नितिन तिवारी, श्री आशीष कुमार पटेल, श्री सुभाष पटेल, , श्री उमेश चंद, श्री महेश कुमार, श्री कालीचरण, अरुण कुमार शर्मा, अरुण यादव, श्री अशोक कुमार, नन्द किशोर, श्री जनवेद, श्री शिव शंकर, श्री जितेन्द्र राजपूत, श्री अमित कुमार, श्री नन्द किशोर, श्री मुज्जम्मिल हुसैन, श्री राम कुमार, संयुक्त संघर्ष समिति के सदस्य  श्रीमती सीमा चौहान, श्रीमती रूबी शर्मा, श्रीमती रूबी, श्री विशाल विक्रम, श्री बजरंग बहादुर, श्री सतेन्द्र सिंह, श्री अनिल कुमार. श्री प्रशांत कौशिक, श्री राजेश विक्रम, श्री रोहित राठोर, श्री सुजीत वर्मा, श्री दिलीप कुमार, श्री राजेंद्र आदि सदस्य शामिल रहे

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