अंतराष्ट्रीय

रेस में पति अपनी पत्नियों को पीठ पर लादकर (backs and run.) दौड़ते हैं.

दुनिया के कई हिस्सों में अजीबोगरीब मान्यताओं का पालन किया जाता है. कुछ समुदाय और धर्मों से जुड़ी होती हैं, वहीं कुछ यूं ही, मजे-मस्ती में शुरू कर दी जाती हैं जिसके पीछे कोई खास मकसद नहीं होता है. धीरे-धीरे ये मान्यताएं खेल बन जाती हैं और हर साल उनकआयोजन होने लगता है. ऐसी ही एक परंपरा फिनलैंड में है जहां पति, अपनी पत्नी को पीठ पर लादकर रेस (backs and run.)  करते हैं और जीतने वाले कपल को खास पुरस्कार मिलता है.

रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल जुलाई के महीने में वर्ल्ड वाइफ कैरिंग चैम्पियनशिप का आयोजन फिनलैंड में किया गया. इस कंप्टीशन की आधिकारिक साइट के अनुसार इस साल ये कंप्टीशन 1 जुलाई को फिनलैंड के सोनकाजार्वी कस्बे में आयोजित होगा. कोविड की वजह से दो साल ये कंप्टीशन नहीं हो पाया था, इसलिए पिछले साल, काफी धूमधाम से इसे लोगों ने मनाया था. अब सवाल ये उठता है कि ये कंप्टीशन होता कैसे है.

पत्नी को पीठ पर टांगकर भागते हैं पति
दुनियाभर से करीब 80 प्रतिद्वंदी शामिल हुए थे. लोगों को सिर पर हेलमेट और कमर में बेल्ट बांधनी पड़ती है जिसके सहारे वो रेस करते हैं. पत्नी को अपने ऊपर टांगने का कोई नियम नहीं है, कैसे भी टांगकर दौड़ा जा सकता है पर सबसे कॉमन तरीका जो लोग अपनाते हैं, वो ये है कि पत्नी को पीठ पर उल्टा टांग लिया जाए जिससे दोनों पैरों को, पति अपने हाथों से पकड़ ले.

क्या हैं रेस के नियम?
पति की उम्र 17 साल से ज्यादा होनी चाहिए और कम से कम 49 किलो वजन होना चाहिए. अगर पत्नी उससे हल्की होती है तो उसके ऊपर वजन बांध दिया जाता है जिससे उसका वेट 49 किलो तक हो सके. अब सवाल ये उठता है कि आखिर लोग इतनी मेहनत करते क्यों हैं? दरअसल, इस रेस में जीतने वाले लोगों को पत्नी के वजन के बराबर बियर गिफ्ट के रूप में मिलती है. अब ये रेस फिनलैंड से बाहर, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी आदि में भी फेमस हो चुकी है. यूं तो पहली बार ये रेस 1992 में शुरू हुई थी पर लोगों का मानना है कि 17वीं सदी के दौरान एक कबीले के मर्द, दूसरे कबीले की औरतों को अगवा करने आते थे और अपने ऊपर टांगकर ले जाते थे. ये रेस, उसी प्रथा के आधार पर शुरू की गई थी.

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