अंतराष्ट्रीय

बौखलाहट में करने लगा चीन हैरानी वाला काम

चीन दहशत में: चीन बहुत ही डरपोक देश है. जब कोई डरता है तो सामने वाले पर चिल्लाता है या फिर उसे उकसाने की कोशिश करता है. अपने बिल्कुल करीब भारत के शक्तिशाली ब्रह्मोस मिसाइल को देखकर चीन बौखला गया है और इस बौखलाहट में अपने पड़ोसी देश फिलीपींस को डराने की कोशिश कर रहा है. जब से भारत का शक्तिशाली ब्रह्मास्त्र ब्रह्मोस मिसाइल जब से चीन के करीब फिलीपींस तक पहुंचा है, चीन दहशत में हैं.
ब्रह्मोस की काट निकालने के लिए चीन फिलीपींस को डराने के की कोशिश में जुटा है. चीन ने फिलीपींस के बेहद करीब अपने ड्रोन को भेजा है ताकि फिलीपींस डर जाए. लेकिन चीन का ये कदम बताता है कि असली डर फिलीपींस को नहीं बल्कि चीन को है क्योंकि अब साउथ चाइना सी के बिल्कुल करीब अमेरिकी सेनाएं भी आ गई हैं.

चीन के खिलाफ तीन देशों का युद्धाभ्यास शुरू

फिलीपींस और अमेरिकी सेना का साझा युद्धभ्यास आज से शुरू हो गया है. इस मिलिट्री ड्रील में जापान की सेनाएं भी शामिल हो रही हैं. 16000 हजार सैनिक साझा युद्धभ्यास में शामिल हैं. सबसे बड़ी बात कि फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के सैनिक भी कुछ दिन में इस ज्वाइंट एक्सरसाइज से जुड़ेंगे. मतलब 5 देश चीन को घेरने के लिए एक साथ आएंगे. इस ड्रील में समुद्री और हवाई हमलों का अभ्यास किया जाएगा. 3 हफ्ते तक शी जिनपिंग की धड़कनें बढ़ी हुई होंगी क्योंकि अमेरिकी सेनाएं 10 मई तक चीन के इतने करीब मौजूद रहेंगी.

लेकिन चीन को सबसे पहले घेरा है भारत ने, जिसने फिलीपींस को ब्रह्मोस दिया, तो भड़के चीन ने अपना खतरनाक ड्रोन उड़ा दिया. अभी फिलीपींस ने ठीक ढंग से भारत के ब्रह्मास्त्र की तैनाती भी अपने देश में नहीं की होगी. लेकिन इस ब्रह्मास्त्र ने चीन को इस कदर टेंशन दी है कि मजबूरी में चीन को फिलीपींस को डराने के लिए अपने ड्रोन को उड़ाना पड़ा.

भारत की ब्रह्मोस से डरा हुआ है चीन

भारत के इस ब्रह्मास्त्र का नाम है ब्रह्मोस मिसाइल बीते शुक्रवार को ही भारत ने चीन के सताए फिलीपींस को ब्रह्मोस की डिलीवरी की थी भारतीय वायुसेना के ट्रांसपोर्ट विमानों से मिसाइल फिलीपींस पहुंचे थे. इसके एक दिन बाद ही शी जिनपिंग ने फिलीपींस को डराने के मकसद से अपनी आर्मी को ऑर्डर दे दिया. जिसके बाद चीनी सेना ने अपने WZ-7 सोरिंग ड्रैगन ड्रोन को फिलीपींस के बेहद करीब भेज दिया. चीन का ये ड्रोन दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में उड़ते देखा गया.

WZ- 7 ड्रोन एक सर्विलांस ड्रोन है, जिसकी मदद से खुफिया जानकारी जुटाई जाती है. चीन का ये जासूसी ड्रोन 60,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. इसकी रेंज लगभग 4,350 मील है. इसका इस्तेमाल चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी और नेवी दोनों करती हैं. फिलीपींस में चीन के सर्विलांस ड्रोन का दिखना और भारत से फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल मिलना दोनों चीन की बेचैनी बढ़ाने के लिए काफी है.

कई प्लेन उड़ाकर फिलीपीन को डराने की कोशिश

सवाल है कि क्या ड्रोन के जरिए चीन ब्रह्मोस के बारे में जानकारी जुटाना चाहता है. सवाल तो ये भी है कि क्या चीन…उस ठिकाने का पता लगाना चाहता है, जहां फिलीपींस ब्रह्मोस को तैनात करेगी. चीन ने ड्रोन के अलावा समंदर में मिलिट्री ड्रील के जरिए भी फिलीपींस को आंख दिखाने की कोशिश की है. चीन की नौसेना ने साउथ चाइना सी में लड़ाकू विमानों और युद्धपोत से मिसाइलें दागकर फिलीपींस को डराने की कोशिश की.

दो दिन के अंदर चीन के ये 2 कदम बताते हैं कि चीन..ब्रह्मोस मिसाइल की तैनाती से किस कदर भयभीत है. चीन के टेंशन इस बात की है कि अब भारत चीन सीमा के साथ चीन-फिलीपींस सीमा पर भी ब्रह्मोस तैनात होगा. अब तो चीन के एक और पड़ोसी वियतनाम ने भी ब्रह्मोस में दिलचस्पी दिखाई है, जो चीन के लिए खतरे की घंटी है.

अपने फंदे में घिर चुका है चीन

इसीलिए चीन अपने पड़ोसियों को डराने की कोशिश कर रहा है. लेकिन इससे न तो फिलीपींस डरने वाला है और ना ही कोई दूसरा देश. अब तो चीन के लिए परेशान करने वाली खबर ये है कि अमेरिका-फिलीपींस और जापान की सेनाएं साझा युद्धअभ्यास कर चीन को चुनौती देने के लिए तैयार हैं. चीन को उसकी विस्तारवादी नीतियों का जवाब देने भारत हर मोर्चे पर दे रहा है तो अमेरिका भी इस मुहिम में भारत के साथ खड़ा है. भारत और अमेरिका ने मिलकर चीन को घेर लिया है.

जंग हुई तो बेबस हो जाएगा चीन

फिलीपींस में भारत की ब्रह्मोस मिसाइल पहुंच गई है और वहां की सैना उसकी तैनाती करेगी. फिलीपींस में अमेरिका ने अपनी नई टायफून मिसाइल प्रणाली तैनात कर रखी है. फिलीपींस में अमेरिका को 4 बेस का एक्सेस मिला हुआ है. चीन के करीब जापान पर भी अमेरिका का बेस है. ऑस्ट्रेलिया – सिंगापुर में अमेरिका ने अपना बेस बना रखा है. थाईलैंड और साउथ कोरिया में अमेरिकी सेनाएं तैनात हैं. चीन के करीब गुआम में भी अमेरिका का बेस है. इन जगहों से वक्त पड़ने पर कभी भी अमेरिका चीन पर हमला कर सकता है.

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