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इम्तियाज की महिला किरदारों से नई छेड़खानी !

नेटफ्लिक्स के भारी भरकम बजट से बनी वेब सीरीज ‘शी’ के बाद इम्तियाज अली अब लेकर आए हैं एक कम बजट वाली सेक्स सीरीज ‘डॉ. अरोड़ा गुप्त रोग विशेषज्ञ’। 18 साल से ऊपर के दर्शकों के लिए बनी सीरीज में नसबंदी दिवस के पोस्टर पर ‘नसबंदी दविस’ लिखा है। डॉक्टर जो है वो होम्योपैथिक और ‘वैदिक’ (आयुर्वेदिक नहीं) दवाओं से इलाज करता है। उत्तर भारत एक बंगले में तमिलनाडु नंबर वाली पुरानी अंबेसडर खड़ी है। बोलियां ‘इते आओ’ से लेकर ‘गोड़’ तक धरने जाती हैं। सीरीज शुरू होते ही बस में अपने दुधमुंहे बच्चे के साथ सफर कर रही युवती साथ वाली सीट पर बैठे युवक पर लार टपकाती है। यही युवक घर के बाहर जब वर्जिश करने की ‘नौटंकी’ कर रहा होता तो टूर पर रहने वाले पड़ोसी की बीवी की भी उस पर लार टपकती है। नहीं, नहीं, ये ‘मस्तराम’ का अगला सीजन नहीं है। ये सोनी लिव ओटीटी की देसी ‘सेक्स एजुकेशन’ है, नई वेब सीरीज ‘डॉ. अरोड़ा गुप्त रोग विशेषज्ञ’

टूटी सीमाएं निकले असली इम्तियाज – सोनी और जी के विलय की सुर्खियों के बाद दोनों कंपनियों में क्या हो रहा है, ये तो पता नहीं लेकिन दोनों कंपनियों की चाल अभी से एक जैसी है। फिल्में ये ह्यनिकम्माह्ण और ह्यधाकड़ह्ण जैसी रिलीज कर रही हैं और वेब सीरीज के मामले में जी5 का जो होना था सो हो ही रहा है। यूं लगता है सोनी लिव ने भी उसी की चाल पकड़ने की ठान ली है। सिर्फ वयस्कों के लिए सीरीज बनाना जमाने का चलन है।

इम्तियाज अली कहते भी हैं, ह्यजो सिनेमा में नहीं कर पा रहे थे, उसे बनाने के लिए वेब सीरीज सही प्लेटफॉर्म है।ह्ण उनके अंदर का असली रचयिता अगर यही है जो अभी तक सेंसर बोर्ड की सीमाओं में बंधा रहा तो फिर इम्तियाज अपने अब तक किए काम पर खुद ही पानी फेर रहे हैं। वह ये भी बताते रहे हैं कि ये ह्यशीह्ण और ह्यडॉ. अरोड़ा गुप्त रोग विशेषज्ञह्ण जैसी कहानियां उन्होंने अपनी पहली फिल्म ह्यसोचा ना थाह्ण से पहले सोच रखी थीं।

खुराना से अरोड़ा तक – लौटकर वेब सीरीज ह्यडॉ. अरोड़ा गुप्त रोग विशेषज्ञह्ण पर आते हैं। सोनी लिव पर अभिनेता कुमुद मिश्रा की एक शानदार फिल्म कोरोना संक्रमण काल में रिलीज हुई थी ह्यराम सिंह चार्लीह्ण। अनुभव सिन्हा की फिल्मों में वह अक्सर दिखते रहे हैं और शानदार अभिनय भी वह करते हैं। यहां वह आयुष्मान खुराना का 1999 वाला वर्जन बने हैं।

हो सकता है कि वेब सीरीज ह्यडॉ. अरोड़ा गुप्त रोग विशेषज्ञ  को इम्तियाज ने कभी फिल्म के रूप में भी बनाने का सपना देखा हो और हो सकता हो कि वह इसे लेकर आयुष्मान खुराना के पास गए भी हों, लेकिन आयुष्मान खुराना ने इसकी बजाय ह्यडॉक्टर जीह्ण बनना पसंद किया। वेब सीरीज ह्यडॉ. अरोड़ा गुप्त रोग विशेषज्ञ की कहानी में मर्दाना कमजोरी और दिक्कतों के सारे किस्से हैं। सिर्फ वयस्कों के लिए बनी ये सीरीज एक अच्छी यौन शिक्षा वाली सीरीज बन सकती थी लेकिन इसे  बनाने के चक्कर में इसके बनाने वाले रास्ता भटक गए।

लीक से इतर होने की कोशिश में भटके – उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में हफ्ते के दिन बांटकर प्रैक्टिस करने वाले डॉ. अरोड़ा चिकित्सक कम और समाज सुधारक ज्यादा दिखते हैं। कहानी उनके मरीजों और उनके परिप्रेक्ष्य में नहीं है। कहानी 23 साल पहले के समाज के हिसाब से भी नहीं है। ये इम्तियाज अली के हिसाब से है। इम्तियाज की फिल्मों के महिला किरदार अपनी अलग पहचान और दृढ़ता लिए हुए रहे हैं। लेकिन यहां डिजिटल पर आकर उन्हें क्या हो गया, वही जानें। ह्यशीह्ण में एक पुलिसवाली अपना सारा आत्मसम्मान कपड़ों के साथ उतार देती है। यहां डॉ. अरोड़ा तक ह्यजजमेंटलह्ण हो जाते हैं। गुप्त रोग विशेषज्ञ ही अगर मरीजों की समस्याओं को सामाजिक नजरिये से देखने लगेगा तो फिर पहले एपीसोड में कही गई ह्यभरोसेह्ण वाली बात का क्या हुआ?

1999 ए सेक्स स्टोरी – वेब सीरीज ह्यडॉ. अरोड़ा गुप्त रोग विशेषज्ञह्ण को पूरा देखना हिम्मत का काम है। हां, सस्ते मोबाइल डाटा के दौर में इसे देखा खूब जाएगा और बहुत संभव है कि ये अरसे तक सोनी लिव की सबसे ज्यादा देखी गई सीरीज में भी शामिल रहे लेकिन ये सीरीज सोनी लिव और इम्तियाज अली दोनों के नाम पर बट्टा ही है।

कहां तो ह्यरॉकेट ब्वॉयजह्ण और ह्य1992 ए स्कैमह्ण और कहां, 1999 ए सेक्स स्टोरी। इम्तियाज अली के साथ साथ पांच और लेखकों ने ये सीरीज लिखी है। दिव्य प्रकाश दुबे को शायद इसकी भाषा ठीक करने के लिए ही रखा गया लेकिन सीरीज अपनी भौगोलिक पृष्ठभूमि गढ़ने में कला निर्देशन से लेकर संवाद और वेशभूषा सबमें गड़बड़ाती है। निर्देशन फिर इम्तियाज के भाई साजिद ने किया है। साथ में अर्जित कुमार भी है। लेकिन, दोनों ने कहीं कुछ ऐसा गढ़ा नहीं कि जिस पर रिलायंस एंटरटेनमेंट और विंडो सीट फिल्म्स जैसी कंपनियां नाज कर सकें।

सोनी लिव के लिए खतरे की घंटी – इन दिनों यूं लगता है कि ओटीटी का संक्रमण काल लौट आया है। कोरोना संक्रमण काल में बेइंतेहा कॉन्टेंट बनाने वाली ओटीटी कंपनियों को मंदी का दौर या तो हिला चुका है या फिर हिलाने ही वाला है। नेटफ्लिक्स जैसी गलतियां दूसरे ओटीटी भी दोहराते रहे तो वे भी इसके दायरे में आने से खुद को बचा नहीं पाएंगे। ग्राहकों को ज्यादा नहीं अच्छी कहानियां चाहिए और महीने में दो दमदार सीरीज और एक दो फिल्में ही इसके लिए काफी हैं। हिंदी सिनेमा में खर्च हो चुके सितारों की बरात बनाकर वेब सीरीज बना देने का धंधा इन दिनों मुंबई में चोखा चल रहा है लेकिन वेब सीरीज ह्यडॉ. अरोड़ा गुप्त रोग विशेषज्ञह्ण सोनी लिव जैसे ओटीटी के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है।

देखें कि न देखें – कलाकारों में कुमुद मिश्रा के लिए वेब सीरीज ह्यडॉ. अरोड़ा गुप्त रोग विशेषज्ञह्ण उनके अभिनय के एक नया पड़ाव का मौका रहा लेकिन वह ऐसा कुछ करते नही दिखे कि उनके बीते किरदारों से कुछ खास अलग इसमें उनके लिए रहा हो। हां, डॉ. अरोड़ा के रूप में सेक्स एजुकेशन के नाम पर जो कुछ वह बताते रहते हैं, वह गौर करने लायक है। यौन शिक्षा इस देश में बहुत जरूरी है लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है आसपास की महिलाओँ की यौन इच्छा को सही तरीके से पेश करना। यौनांगों से संबंधित बीमारियां और दैहिक संबंधों के आड़े आने वाली मनोदशा दोनों अलग अलग स्थितियां हैं और दोनों के इलाज का घालमेल वैसा ही है जैसा होम्योपैथिक और वैदिक इलाज का सम्मिश्रण। सीरीज को संभल कर देखें और नहीं भी देखेंगे तो कुछ खास मिस नहीं करेंगे। ये सब तो वैसे भी इन दिनों रील्स में दिन रात चलता रहता है।

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