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अन्य विभागों में भी ई-गवर्नेन्स वक्र्स मैनेजमेन्ट सिस्टम को निर्माण कार्यों से सम्बन्धित विभागों वं संस्थाओं में लागू करना अनिवायर्: मुख्य सचिव

लखनऊ। मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में आज लोक भवन स्थित कार्यालय कक्ष के सभागार में लोक निर्माण विभाग में लागू ई-गवर्नेंस वक्र्स मैनेजमेन्ट सिस्टम को निर्माण कार्यों से सम्बन्धित अन्य सभी विभागों में लागू किये जाने के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि लोक निर्माण विभाग में लागू ई-गवर्नेंस से सम्बन्धित वक्र्स मैनेजमेन्ट सिस्टम के माड्यूल को निर्माण कार्यों से सम्बन्धित विभागों को अनिवार्य रूप से लागू किया जाना है। अत: समस्त सम्बन्धित विभाग आगामी एक सप्ताह के भीतर ई-गवर्नेंस वक्र्स मैनेजमेन्ट सिस्टम को अपने यहां लागू किये जाने के सम्बन्ध में अपनी सहमति आई.टी. एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग को अवश्य उपलब्ध करा दें। उन्होंने कहा कि सभी विभाग इसके क्रियान्वयन हेतु एक निश्चित समय-सारिणी बना लें तथा ई-गवर्नेंस वक्र्स मैनेजमेन्ट सिस्टम को तद्नुसार अपने यहां लागू कराये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित कराएं। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित विभागों के अधीन समस्त कार्यदायी संस्थाओं में भी इसे अनिवार्य रूप से लागू किया जाना है। उन्होंने कहा कि जिन विभागों को उक्त सिस्टम को लागू कराने में यदि किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्या अथवा किसी प्रकार के संशोधन की आवश्यकता हो तो आई.टी. एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर उसका समाधान करा लिया जाए। इससे पूर्व ई-गवर्नेन्स वक्र्स मैनेजमेन्ट सिस्टम का प्रस्तुतीकरण करते हुए बताया गया कि यह सॉफ्टवेयर विभागीय मैनुअल के अनुसार कार्य करता है। कॉन्टैऊक्ट के आरंभ होने से पूर्ण होने तक डाटा का रख-रखाव एवं अनुश्रवण करता है। इसके अतिरिक्त यह सॉफ्टवेयर मात्रा गुणवत्ता व समय-सीमा पर इंटेलिजेन्ट चेक्स रखने के साथ ही भौतिक एवं वित्तीय प्रगति को टैऊक करता है, भौतिक प्रगति के फोटोग्राफ रिकॉर्ड करता है व प्रत्येक मेजरमेन्ट के डाटा का डिजिटल रिकॉर्ड रखता है। इसके अलावा यह सॉफ्टवेयर समस्त यूजर्स यथा-जेई, एई, एकाउन्टेण्ट, कॉन्टैऊक्टर से एक्शन का लॉग मेन्टेन करता है और मेजरमेन्ट बुक में संशोधन व परिवर्तन से सम्बन्धित तिथि, समय व यूजर के साथ लॉग भी मेन्टेन रखता है। इसके अतिरिक्त यह सॉफ्टेवयर प्रत्येक स्तर पर विधिपूर्वक एवं सटीक आगणन, प्रोसेस मानकीकरण, कार्य की गति, उत्तरदायित्व व पारदर्शिता पर फोकस करता है। कॉम्प्लेक्स टास्क को ऑटोमेट करता है। कार्मिकों की उत्पादकता एवं उत्तरदायित्व में गुणात्मक सुधार करता है। कार्यों की पुनरावृत्ति को रोकता है। पेपर आधारित मैनुअल कार्य अत्यंत कम हो जाता है तथा प्रोजेक्ट्स का रियल टाइम स्टेटस देता है। बैठक में यह भी बताया गया कि सॉफ्टवेयर का मॉडल आरएफपी यूपीडेस्को द्वारा तैयार कर ली गयी है तथा प्रत्येक विभाग के लिए उक्त मॉडल आरएफपी में विभाग की आवश्यकतानुसार अद्यतन स्कीम ऑफ वर्क, रनिंग वक्र्स की डाटा इन्ट्री तथा यूजर्स की संख्या का उल्लेख करना होगा। बैठक में अपर मुख्य सचिव, आई.टी. एवं इलेक्ट्रॉनिक्स आलोक कुमार, सचिव, सिंचाई एवं जल संसाधन अनिल गर्ग सहित आई.टी. एवं निर्माण कार्यों से सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।

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