जैस्मीन शाह की सरकारी सेवाओं व सुविधाओं पर तत्काल प्रभाव (immediate effect) से रोक
नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने जैस्मीन शाह को दिल्ली संवाद एवं विकास आयोग के उपाध्यक्ष पद से बर्खास्त (immediate effect) कर दिया है. उन पर राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप है. कुछ दिन पहले जैस्मीन शाह पर आरोप लगे थे कि वह बतौर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता भी बयान जारी कर रहे हैं और मीडिया से बात कर रहे हैं. इसी को लेकर उपराज्यपाल कार्यालय ने उन पर सवाल उठाए थे और नोटिस भेजकर जवाब तलब किया था. उपराज्यपाल ने डीडीसीडी के वाइस चेयरमैन जैस्मीन शाह को मिलने वाली सभी सरकारी सेवाओं और सुविधाओं पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. उन्होंने अफसरों को शाह के दफ्तर पर तुरंत ताला लगाने का निर्देश दिया है. उनका सरकारी वाहन और स्टाफ भी तुरंत वापस लेने का आदेश एलजी ने अधिकारियों को दिया है. डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन दिल्ली सरकार का थिंकटैंक है. दिल्ली की सत्ता में आने के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार ने इसका गठन किया था. जनहित से जुड़ी योजनाओं को तैयार करने और उसे लागू करने की जिम्मेदारी सरकार ने डीडीसी को दे रखी है.
जैस्मीन शाह आम आदमी पार्टी के नेता हैं, जो इस बॉडी के वाइस चेयरमैन थे. प्रशासनिक आदेश मिलने पर एसडीएम सिविल लाइंस ने डीडीडीसी कार्यालय परिसर को गुरुवार देर रात सील कर दिया. जैस्मीन 4 वर्ष पहले डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन ऑफ दिल्ली के वाइस चेयरमैन बने थे. अरविंद केजरीवाल की कैबिनेट में उनके नाम पर मुहर लगी थी. आशीष खेतान के इस्तीफा देने से मंत्री के समकक्ष वेतन-भत्ते व सुविधा वाला यह पद खाली हुआ था. जैस्मीन शाह वर्ष 2016 से दिल्ली सरकार को बजट, ट्रांसपोर्ट जैसे मुद्दों पर सलाह भी देते आ रहे हैं. उन्होंने आईआईटी मद्रास से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. इसके बाद कोलंबिया यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स से पढ़ाई की. वह नेहरू फुल ब्राइट स्कॉलर भी रहे हैं. उन्हें अर्बन गवर्नेंस और पॉलिसी इश्यूज पर एक दशक से ज्यादा का अनुभव है. अक्टूबर माह में दिल्ली डायलॉग कमीशन के गठन के 7 साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जैस्मिन शाह के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डीडीसी की उपलब्धियों का बखान किया था.
अरविंद केजरीवाल ने की थी डीडीसीडी की बखान
हालांकि, विपक्ष शुरू से डीडीसी के गठन और इसमें हुई नियुक्तियों को सवाल उठाता रहा है. इस संबंध में उपराज्यपाल को भी शिकायत कई बार शिकायत की जा चुकी थी. अब उपराज्यपाल ने यह फैसला लिया है. अरविंद केजरीवाल ने डीडीसीडी के गठन के 7 वर्ष पूरे होने पर कहा था, ‘सरकारों में यह देखा जाता है कि अधिकारियों के पास समय नहीं होता है. जल्दीबाजी में वे ऐसी योजनाएं लाते हैं जो फेल हो जाती हैं. वहीं, दिल्ली सरकार की योजनाएं फेल नहीं होती हैं. कारण यह है कि दिल्ली सरकार की योजनाओं को लागू करने से पहले उनकी ड्राफ्टिंग के समय ही पूरा अध्ययन किया जाता है. डीडीसी ने कोरोना के समय बहुत काम किय. जो लोग बेरोजगार हो गए थे उन्हें काम दिलवाने के लिए, कारोबारियों और काम करने वालों को एक मंच पर लाने के लिए रोजगार पोर्टल बनाया. गरीबों को राशन देने के लिए ई कूपन बनाया. दिल्ली इलेक्ट्रिक नीति डीडीसी के प्रयास से आई है.’