लखनऊ के मलिहाबाद में अवैध असलहा फैक्ट्री का पर्दाफाश, भारी मात्रा में हथियार और हिरन की खाल बरामद
लखनऊ -: राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र में शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई में अवैध शस्त्र निर्माण और तस्करी से जुड़े एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ के जोन उत्तर अंतर्गत थाना मलिहाबाद और रहीमाबाद की संयुक्त टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। इस दौरान एक 68 वर्षीय व्यक्ति को भारी मात्रा में अवैध हथियार, कारतूस, हथियार निर्माण उपकरण और प्रतिबंधित वन्यजीव हिरन की खाल के साथ गिरफ्तार किया गया है।
मामला उस समय प्रकाश में आया जब पुलिस को मुखबिर के माध्यम से सूचना मिली कि कस्बा मिर्जागंज में पुराने पिक्चर हॉल के पास एक व्यक्ति अवैध तमंचे और कारतूस बनाकर बेचने की तैयारी में है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने तत्परता दिखाते हुए मौके पर छापेमारी की और एक व्यक्ति को संदिग्ध अवस्था में गिरफ्तार किया। उसकी पहचान सलाऊद्दीन उर्फ लाला पुत्र सहाबुद्दीन निवासी मिर्जागंज, थाना मलिहाबाद के रूप में हुई, जिसकी उम्र 68 वर्ष है। तलाशी लेने पर उसके पास से 8 जिंदा कारतूस 315 बोर बरामद हुए।पूछताछ के दौरान जब पुलिस ने सख्ती से सवाल किए, तो आरोपी ने खुलासा किया कि वह वर्षों से पुराने चित्रपट सिनेमा हॉल के परिसर में अवैध हथियार बनाकर उन्हें बेचने का कार्य कर रहा था।
आरोपी की निशानदेही पर पुलिस टीम ने जब उक्त स्थान पर दबिश दी, तो वहां से हथियारों का एक जखीरा बरामद हुआ। परिसर से कुल 3 पिस्टल 32 बोर, 1 देशी तमंचा 315 बोर, 2 तमंचा .22 बोर, 1 रायफल .22 बोर, 7 एयरगन, अर्धनिर्मित हथियार, 6 बांका, 2 छुरी, 1 आरी, 9 फरसा व गड़ांसे, हथियार बनाने के उपकरण तथा बड़ी मात्रा में कारतूस बरामद किए गए। बरामद कारतूसों में 18 जिंदा कारतूस 315 बोर, 68 जिंदा कारतूस .22 बोर, 40 खोखा कारतूस .22 बोर, 30 कारतूस 12 बोर, 2 जिंदा कारतूस 32 बोर और 1 खोखा कारतूस 32 बोर शामिल हैं।इसके अतिरिक्त पुलिस को तलाशी के दौरान 2000 रुपये नकद और एक प्रतिबंधित वन्य जीव हिरन की खाल भी मिली, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया। बरामदगी के आधार पर आरोपी सलाऊद्दीन के खिलाफ मलिहाबाद थाने में शस्त्र अधिनियम की धाराओं 3/4, 5/25 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है, जबकि हिरन की खाल मिलने पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9/51 के तहत एक और मुकदमा पंजीकृत किया गया।
आरोपी को रात 1:30 बजे पुलिस हिरासत में ले लिया गया और उससे गहन पूछताछ की जा रही है।पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी शहद बेचने के नाम पर अपना व्यवसाय दर्शाता था, लेकिन इसके पीछे वह अवैध हथियार निर्माण और बिक्री की गतिविधियां चला रहा था। पुराने पिक्चर हॉल के परिसर में उसने असलहा फैक्ट्री जैसा अड्डा बना रखा था, जहां देशी तमंचों और पिस्टलों को न केवल तैयार किया जाता था, बल्कि उन्हें बेचने की भी योजना बनाई जाती थी।इस पूरी कार्रवाई को अंजाम देने वाली पुलिस टीम में मलिहाबाद थाना के अतिरिक्त निरीक्षक सुरेन्द्र कुमार मिश्रा, उपनिरीक्षक नरेन्द्र सिंह, विवेक कुमार, अमन कुमार श्रीवास्तव, अश्वनी कुमार सिंह, महिला उपनिरीक्षक राखी वर्मा, कांस्टेबल देवेश कुमार व नीशू मलिक शामिल रहे, जबकि रहीमाबाद थाना से कांस्टेबल अरुण वन और रणविजय गौतम की भूमिका भी सराहनीय रही।पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ द्वारा की गई इस कार्रवाई को अवैध हथियार तस्करी के खिलाफ बड़ी सफलता माना जा रहा है। पुलिस का कहना है कि आरोपी के आपराधिक इतिहास और नेटवर्क की भी जांच की जा रही है। इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।