उत्तर प्रदेश

गन्ने की पत्ती जलाये जाने पर कृषक को कृषि विभाग एवं गन्ना विभाग की योजनाओ से होना पडेगा वंचित

प्रेस विज्ञप्ति
शामली (शोभित वालिया):सैटेलाईट से प्राप्त हुई सूचना के आधार पर दिनांक 26.11.2023 को कृषक श्री जमशेद पुत्र श्री शब्बीर नि०ग्राम थानाभवन देहात पट्टी मसावी द्वारा अपने खेत मे गन्ने की पत्ती जलाये जाने पर कृषक को कृषि विभाग एवं गन्ना विभाग की योजनाओ से होना पडेगा वंचित। उक्त के दृष्टिगत उप कृषि निदेशक शामली श्री प्रमोद कुमार द्वारा समस्त कृषक भाईयो को सूचित किया जाता है कि जनपद में अब तक 26 घटनाएं सैटेलाईट के माध्यम से प्राप्त हुई है 01 घटना पराली जलाये जाने, गन्ने की पत्ती जलाये जाने की 08 घटनाऐ, 09 घटना कुडा अवशेष जलाये जाने एवं 08 घटनाओ की पुष्टि नही हुई है। सम्बन्धित कृषकों से जुर्माने की धनराशि रु0-25000.00 वसूली की जा चुकी है तथा कृषि विभाग एवं गन्ना विभाग की कई सुविधाओं से भी वंचित किया जा रहा है। जिसमे कृषक श्री जमशेद पुत्र श्री शब्बीर नि०ग्राम थानाभवन देहात पट्टी मसावी द्वारा खेत मे गन्ने की पत्ती को जलाया गया है जिसमे कृषक पर धनराशि रु0-2500.00 का जुर्माना तहसीलदार शामली द्वारा अधिरोपित किया गया है।
जुर्माने की धनराशि-2500.00 (रु० दो हजार पाँच सौ मात्र) कृषक से साथ ही वसूल किया गया है।समस्त कम्बाईन स्वामियों को सूचित किया जाता है कि कम्बाईन से धान की कटाई करते समय अनिवार्य रूप से एस०एम०एस० का प्रयोग करना सुनिश्चित करे कोई भी कम्बाईन हार्वेस्टर स्वामी बिना एस०एम०एस० के धान की कटाई करते हुए पाया जाता है तो उसको तुरन्त सीजर की कार्यवाही की जायेगी।कृषि निदेशालय, उ०प्र, कृषि भवन, लखनऊ से प्राप्त निर्देशों के क्रम में कृषि विभाग द्वारा जनपद शामली को 20000 बायो डीकम्पोजर का लक्ष्य प्राप्त हुआ था जिसके सापेक्ष 20000 बायो डि कम्पोजर दिनांक 11.10.2023 को जनपद में निःशुल्क वितरण हेतु उपलब्ध हो गया है। जनपद के समस्त कृषक भाईयो/बहनों को सूचित किया जाता है कि अपने से सम्बन्धित राजकीय कृषि बीज गोदाम से बायो डीकम्पोजर निःशुल्क प्राप्त कर फसल अवशेष पर डीकम्पोजर का प्रयोग कर फसल अवशेष को डीकम्पोज कर कार्बनिक खाद में परिवर्तित करें।जनपद के समस्त कृषक बन्धुओं से अपील है कि अपने खेतो में फसल अवशेष/कूड़ा करकट को कदापि न जलाया जाये बल्कि डी कम्पोजर का प्रयोग कर फसल अवशेष का प्रबन्धन करे साथ ही खेत की उर्वरा शक्ति एवं पर्यावरण को हो रही क्षति से बचाये। “जन-जन की है यही पुकार नही जले पराली / पत्ती इसबार।

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