भाजपा की सरकार बनी तो पीओके जम्मू-कश्मीर में होगा शामिल(पीओके )
श्रीनगरः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामगढ़ में बीजेपी उम्मीदवारों के समर्थन में रैली की। इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने घाटी की जनता से बड़ा वादा करते हुए कहा कि अगर भाजपा सत्ता में वापस आती है तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) जम्मू-कश्मीर का हिस्सा होगा। सीएम योगी ने कहा कि यहां बीजेपी की सत्ता में वापसी के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके ) भी जम्मू-कश्मीर का हिस्सा बनने जा रहा है। यही पाकिस्तान में हलचल है, वे हैं अपने लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
पीओके के लोग भारत में शामिल होने के लिए उठा रहे हैं आवाज
सीएम योगी ने कहा कि एक तरफ भारत है और दूसरी तरफ पाकिस्तान है, वहां भोजन की कमी है, स्वाभाविक रूप से, कंगाल पाकिस्तान आज खुद को संभाल नहीं पा रहा है, पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर उससे अलग होने की आवाज उठा रहा है। पीओके के लोग कह रहे हैं कि हमें भी जम्मू-कश्मीर चुनाव में भाग लेने का अधिकार है। बलूचिस्तान कह रहा है कि हमारी केमिस्ट्री पाकिस्तान से मेल नहीं खाती। क्योंकि पाकिस्तान मानवता का दुश्मन है, यह मानवता का कैंसर है। दुनिया को इस कैंसर से मुक्त करना होगा।
सीएम योगी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
सीएम आदित्यनाथ ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जो जम्मू-कश्मीर के लिए अलग झंडे की बात की है क्या वे उसका समर्थन करते हैं? क्या राहुल गांधी नेशनल कॉन्फ्रेंस की अनुच्छेद 370 और 35A को वापस लाने और जम्मू-कश्मीर को अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने की मांग का समर्थन करते हैं? क्या कांग्रेस कश्मीर के युवाओं की कीमत पर पाकिस्तान से बात करके फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देने का समर्थन करती है?
सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस हो या पीडीपी या नेशनल कॉन्फ्रेंस, इन सभी ने जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद का ‘वेयरहाउस’ बना दिया था। बीजेपी की सरकार केंद्र में बनने के बाद यहां पर विकास कार्य करवाए गए। धारा 370 को खत्म कर यहां पर खुशहाली लाने का काम किया गया।
उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी पर साधा निशाना
वहीं, पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “भाजपा से तो हम और कुछ उम्मीद नहीं करते हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस वो पार्टी है जिसने पिछले 35 सालों में हजारों कुर्बानियां दी हैं। हमें अगर पाकिस्तान के एजेंडा के मुताबिक चलना होता तो हम 35 साल पहले चलते तो शायद हमारे 4500 से ज्यादा साथी कुर्बान नहीं होते। अगर अमित शाह नेशनल कॉन्फ्रेंस की उन कुर्बानियों को नजरअंदाज करना चाहते हैं तो मैं उसमें क्या कर सकता हूं।