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मैं स्वर्ग गई, देवताओं को देखा

सिर्फ 11 मिनट :शार्लेट 11 मिनट तक चिकित्सकीय रूप से मृत रहीं, जो आमतौर पर मृत्यु निर्धारण के लिए उपयोग किए जाने वाले 5 मिनट से लगभग दो गुना अधिक है. इस दौरान शार्लेट ने दावा किया कि उसने स्वर्ग की यात्रा का अनुभव किया, जहां उन्होंने देवदूतों  (देवताओं) और अपने परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और यहां तक कि नरक की भी एक झलक देखी. उन्होंने कहा, “मैं अपने शरीर के ऊपर थी. मैं देख सकती थी कि डॉक्टर सीपीआर कर रहे थे. चारों ओर नर्सें थीं. मैंने सबसे सुंदर फूलों की महक महसूस की और फिर मैंने संगीत सुना.”
इस अनुभव ने उन्हें एक ऐसा स्थान दिखाया, जिसे उन्होंने स्वर्ग माना. शार्लेट ने कहा, “जब मैंने अपनी आंखें खोलीं, मुझे पता था कि मैं कहां हूं. मुझे पता था कि मैं स्वर्ग में हूं.” स्वर्ग का वर्णन करते हुए शार्लेट ने आनंद की अनुभूति के बारे में बताया, जिसमें कोई डर नहीं था. उन्होंने कहा, “मैंने पेड़ देखे, घास देखी. सब कुछ संगीत के साथ झूम रहा था क्योंकि स्वर्ग में सब कुछ भगवान की पूजा करता है. यह हमारे विचारों से लाखों गुना अधिक है.”

शार्लेट ने अपने मृत परिवार के सदस्यों और ऐतिहासिक संतों के युवा और स्वस्थ रूपों का भी जिक्र किया. उन्होंने याद किया, “मैंने अपनी मां, पिता और बहन को देखा. वे सभी स्वस्थ और जवान थे. किसी ने भी चश्मा नहीं पहना था.” शार्लेट को एक बच्चे से भी मिलाया गया, जिसे उन्होंने गर्भावस्था के दौरान खो दिया था. लेकिन उनकी यात्रा का एक ब्लैक फेज भी था, जब भगवान ने उसे नरक के किनारे ले गए. उन्होंने कहा, “मैंने नीचे देखा और गंदे मांस की महक आई. चीखें सुनाई दीं. स्वर्ग की खूबसूरती देखने के बाद नरक का यह दृश्य बर्दाश्त करना मुश्किल था.”

: मृत्यु मानवता के सबसे बड़े रहस्यों में से एक है, जो सदियों से लोगों को सोचने पर मजबूर करती रही है. चिकित्सा और प्रौद्योगिकी में विकास के बावजूद मृत्यु के बाद क्या होता है, यह सवाल आज भी अनसुलझा है. 2019 में, कंसास के विचिता की 68 वर्षीय शार्लेट होल्म्स ने एक असाधारण अनुभव किया, जिसने उनकी परलोक में आस्था को और मजबूत किया. शार्लेट को अचानक हाई बीपी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया. उनकी हालत तेजी से बिगड़ गई और जब डॉक्टर उन्हें पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे थे, तब वह बेहोश हो गईं.

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