आखिरी दिनों में चली गई थी आंखों की रोशनी(आखिरी दिनों)

नई दिल्ली: बॉलीवुड में हीरो से ज्यादा विलेन का बोलबाला रहा है. विलेन बनकर उन्होंने इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई है. इन विलेंस ने अपनी एक्टिंग से लोगों के दिल में डर भी बैठा दिया था. जिसके बाद जब भी लोग उन्हे देखते थे तो गलत इंसान समझते थे. ऐसे ही एक विलेन थे जिन्होंने कई दशकों तक खलनायक बनकर अपनी छाप छोड़ी थी. अमरीश पुरी या प्रेम चोपड़ा से पहले बॉलीवुड में इस खूंखार खलनायक का खौफ था. लोग इस खलनायक की आवाज से भी खौफ खाते थे .हम जिस विलेन की बात कर रहे हैं वो कोई और नहीं बल्कि के एन सिंह थे. के एन सिंह ने एक टाइम पर इंडस्ट्री पर राज किया तो जीवन के आखिरी समय (आखिरी दिनों) में उनका ऐसा हाल हो गया था कि वो पैसे पैसे को मोहताज हो गए थे.?
ओलंपिक के लिए हो गए थे सिलेक्ट
केएन सिंह के पिता वकील थे वो भी पहले अपने पिता की तरह वकील बनना चाहते थे लेकिन उन्हें बाद में उनका पेशा पसंद नहीं आया और उन्होंने स्पोर्ट्स में एंट्री की. वे जैवलिन और शॉट पुट में हाथ आजमाने लगे. दिलचस्प यह कि 1936 के बर्लिन ओलंपिक के लिए वह सिलेक्ट हो गए. लेकिन तभी उन्हें कोलकाता जाना पड़ा, जहां उनकी बहन बीमार थी.
आखिरी दिनों में हो गया था ऐसा हाल
केएन सिंह को इंडस्ट्री में लाने वाले पृथ्वीराज कपूर थे. उन्होंने कई सालों तक राज किया. पृथ्वीराज कपूर ने उन्हें एक बेहतरीन विलेन बना दिया था. उन्होंने कई सालों तक राज किया मगर जीवन के आखिरी समय में उनका हाल बुरा हो गया. केएन सिंह ने ईटाइम्स के जर्नलिस्ट को एक इंटरव्यू दिया था जिसके बारे में उन्होंने साल 2023 में बताया था. उन्होंने कहा था कि केएन सिंह ने उन्हें बताया था कि किसी बीमारी की वजह से उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी. वो अपनी बेटी के साथ रहते थे और बस घर के अंदर ही रहते थे. जहां एक समय पर केएन सिंह का बोलबाला था वहीं जब उनका ऐसा हाल हो गया था तो इंडस्ट्री से उनका कोई हाल-चाल पूछने भी नहीं पहुंचा था. केएन सिंह साल 2000 में इस दुनिया को अलविदा कह गए.