उत्तर प्रदेश

1 से 4 को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्देश देती हूँ -जिला मजिस्ट्रेट बाँदा

दुर्गा शक्ति नागपाल, जिला मजिस्ट्रेट बाँदा उ०प्र०मत्स्य अधिनियम 1948 की धारा 3 के अंतर्गत शासनादेश संख्या 778/12-एफ- 469/1948 दिनांक 11.09.1954 के शासनादेश संख्या 387/12-एफ-90/1947 दिनांक 30.05.1963 द्वारा निर्गत नियम के उपनियम 1 से 4 को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्देश देती हूँ।

कर्मचारियों से लम्बित देयकों हेतु प्राप्त पत्रों पर जनसुनवाई हुई बैठक !

  • 1- यह आदेश उन सभी तालाबों, जलाशयों, नदियों, की समस्त जलधाराओं पर प्रभावी होंगे। जो बाँदा जनपद की सीमा है, और जिला मजिस्ट्रेट बाँदा द्वारा यथाविधि व्यक्तिगत अथवा धार्मिक नहीं घोषित किये गये हो।
    2-कोई भी व्यक्ति विस्फोटक पदार्थ अथवा कृषि रक्षा एवं व्यापारिक कार्यों में प्रयुक्त होने वाले विषैले रसायन से मछली नहीं मारेगा और न ही मारने
    का प्रयास करेगा |
  • 3-कोई भी व्यक्ति 15.07.2023 से दिनांक 30.09.2023 तक मत्स्य जीरा अथवा अंगुलिका (2 से 10 इंच) आकर की न तो पकड़ेगा, न ही बेचेगा | तथा दिनांक 01.07.2023 से दिनांक 31.08.2023 तक प्रजननशील मछलियों को न तो पकड़ेगा, न ही मारेगा और न ही बेंचेंगा, जब तक कि उसके पास मत्स्य बिभाग बाँदा उत्तर प्रदेश द्वारा निर्गत बैध लाइसेन्स न हो। यह प्रतिबन्ध शासनादेश संख्या 941/12-88-1954 दिनांक 03.10.1960 के साथ संलग्न परिशिष्ट एवं समय-समय पर शासनादेश द्वारा इसमें की गयी संशोधन के अनुसार जलखंडो पर लागू होगा |

 

  • 4-कोई भी व्यक्ति उक्त निर्देशित क्षेत्र के प्राकृतिक बहाव को रोकने हेतु कोई अवरोध नहीं लगायेगा, और न ही ऐसा करके मत्स्य जीरा, अंगुलिका और मछली नहीं पकड़ेगा अथवा नष्ट करने का प्रयास करेगा। इन आदेशो के उलंघन में लगाये गये अवरोधक सामग्रियों पकडे गये मत्स्य जीरा, मत्स्य अंगुलिका एवं मछली सहित जब्त कर ली जायेगी। उपरोक्त आदेशो का उल्लंघन उत्तर प्रदेश मत्स्य अधिनियम, 1948 के अंतर्गत दंडनीय होगा ।

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