उत्तराखंड

जोशीमठ में भू-धंसाव के लिए तपोवन(Tapovan ) विष्णुगढ़ परियोजना कितनी जिम्मेदार?

नई दिल्ली. उत्तराखंड के जोशीमठ में आपदा की आशंका के बीच सरकारी स्वामित्व वाली बिजली निर्माता कंपनी एनटीपीसी का बड़ा बयान आया है. एनटीपीसी ने कहा है कि उसकी तपोवन (Tapovan ) विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना की सुरंग का जोशीमठ में हो रहे भूस्खलन से कोई लेना-देना नहीं है.

एनटीपीसी का यह बयान जोशीमठ को भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र घोषित किए जाने की पृष्ठभूमि में आया है. बयान के मुताबिक, ‘‘तपोवन विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना की सुरंग को भी जोशीमठ कस्बे में जमीन धंसने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. स्पष्ट किया जाता है कि एनटीपीसी द्वारा बनाई गई सुरंग जोशीमठ कस्बे के नीचे से नहीं गुजर रही.’’

कंपनी कोई विस्फोट नहीं कर रही-एनटीपीसी
कंपनी के मुताबिक इस सुरंग का निर्माण सुरंग बोरिंग मशीन से किया गया है और धौलीगंगा नदी पर बनाई जा रही इस परियोजना पर इस समय कंपनी कोई विस्फोट कार्य नहीं कर रही. बयान के अनुसार, ‘‘एनटीपीसी पूरी जिम्मेदारी के साथ सूचित करना चाहती है कि सुरंग का जोशीमठ कस्बे में हो रहे भूस्खलन से कोई लेना-देना नहीं है. इस तरह की विषम परिस्थिति में कंपनी जोशीमठ की जनता के साथ अपनी सहानुभूति और संवेदना प्रकट करती है.’’

लोगों ने इसके खिलाफ किए विरोध प्रदर्शन
स्थानीय लोग एनटीपीसी की सुरंग को भी दोष दे रहे हैं. जिसके खिलाफ जोशीमठ में कई विरोध प्रदर्शन हुए हैं. जोशीमठ शहर के पास ही तपोवन की ओर से आठ किलोमीटर लंबी सुरंग बोरिंग मशीनों से खोदी जा चुकी है. बिजली परियोजना पर पिछले एक दशक से अधिक समय से काम चल रहा है. जोशीमठ में संकट के लिए सुरंग जिम्मेदार होने की बात से एनटीपीसी पूरी तरह से इनकार कर रहा है लेकिन स्थानीय लोग इससे सहमत नहीं हैं.

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