आतंकी गतिविधियों के लिए कैसे फंड जुटा रहे खालिस्तानी?( खालिस्तानी)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने शनिवार को विदेश स्थित नामित आतंकवादियों बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा, खालिस्तान ( खालिस्तानी) टाइगर फोर्स (केटीएफ) के अर्शदीप दल्ला उर्फ अर्श डाला और बीकेआई के लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. इनके अलावा उत्तर भारत में सक्रिय गैंगस्टरों, आतंकवादियों और ड्रग तस्करों के बीच सांठगांठ से संबंधित मामलों में 6 अन्य के नाम शामिल हैं.
आरोपपत्र के अनुसार रिंदा, अर्श और लांडा ने भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अपने गुर्गों का अपना नेटवर्क बनाया है. उनके पाकिस्तान और अन्य देशों में ड्रग तस्करों/खालिस्तानी गुर्गों के साथ घनिष्ठ संपर्क हैं. चार्जशीट के अनुसार गुर्गों के इस जटिल नेटवर्क के माध्यम से, वे भारत में आतंकवादी गतिविधियों, जबरन वसूली और हथियारों और ड्रग्स की सीमा पार तस्करी को अंजाम देने के लिए भारत में अपनी गैंग में नए अपराधियों की भर्ती कर रहे हैं और उन लोगों साजिशों को अंजाम देने के लिए उकसा रहे हैं.
देश और विदेश के आतंकियों का कनेक्शन का भंडाफोड़
उनके उत्तर भारत में सक्रिय प्रमुख गिरोहों से भी संबंध हैं और वे स्थानीय गैंगस्टर, संगठित आपराधिक सिंडिकेट और नेटवर्क शामिल हैं. चार्जशीट में बीकेआई के हरजोत सिंह, पंजाब निवासी जो अब अमेरिका में रह रहा है, उसका नाम शामिल है. दूसरा नाम कश्मीर सिंह गलवाडी निवासी पंजाब है जो नाभा जेलब्रेक मामले में फरार आरोपी है. ऐसी आशंका है कि वह इस समय नेपाल में है. लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा का भाई तरसेम सिंह जो अब दुबई में रह रहा है; उसका नाम भी चार्जशीट में शामिल है. इसके अलावा गुरजंत सिंह जो ऑस्ट्रेलिया में है. दीपक रंगा, लकी खोखर उर्फ डेनिस का नाम भी है जिन्हें भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भर्ती किया गया था.
बीकेआई और केटीएफ के लिए धन जुटा रहा नेटवर्क
गैंगस्टर-आतंकवादी-ड्रग्स माफिया-तस्कर के नेटवर्क की जांच में पता चला है कि एक नेटवर्क ऐसा भी है जो धन जुटाने का काम करता है. ये फंड को भारत के अपने सहयोगियों को भेजता रहा है. इसमें धन भेजने वाले और पाने वाले की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाती थी, ऐसे तरीके इस्तेमाल किए जाते थे कि किसी का नाम और पहचान सामने न आ सके. इधर, NIA आतंकी संगठन बीकेआई और केटीएफ से जुड़े 16 अन्य फरार और गिरफ्तार आरोपियों के लिंक की भी जांच कर रही है.
रिंदा पाकिस्तान में रहते हुए ISI की साजिशों को पूरा कर रहा
एक पूर्व गैंगस्टर, हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा अब एक महत्वपूर्ण बीकेआई सदस्य और खालिस्तानी संचालक है. वर्ष 2018-19 में वह पाकिस्तान भाग गया और वर्तमान में आईएसआई के संरक्षण में वहां रह रहा है और भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने में शामिल है. रिंदा पाकिस्तान से भारतीय क्षेत्र में हथियारों, गोला-बारूद विस्फोटकों और दवाओं की तस्करी, बीकेआई कार्यकर्ताओं की भर्ती, हत्याएं, पंजाब और महाराष्ट्र राज्यों में जबरन वसूली के माध्यम से बीकेआई के लिए धन जुटाना आदि जैसे विभिन्न अपराधों में शामिल है. वह मई 2022 में पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस मुख्यालय पर आरपीजी हमले सहित कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहा है, और केंद्र सरकार द्वारा 2023 में उसे ‘व्यक्तिगत आतंकवादी’ घोषित किया गया था.