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पृथ्वी (earth)पर कैसे आया पानी?

पृथ्वी की उत्पति 4.537 अरब वर्ष पहले हुई थी. शुरुआत में पृथ्वी गर्म लावा की गोला थी. लेकिन ग्रह पर पानी कैसे पहुंचा या कैसे बना, ये आज तक वैज्ञानिकों के लिए रहस्य बना हुआ था. लेकिन हाल में कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने इस रहस्य की गुत्थी सुलझाने की ओर कदम बढ़ाया है. वहीं वैज्ञानिकों ने बताया कि पृथ्वी के निर्माण के काफी वर्षों के बाद पानी धरती  (earth) पर आया था.

वैज्ञानिकों ने बताया कि जब पृथ्वी के निर्माण का 15% हिस्सा रह गया था, तब यहां पानी और जीवन के लिए आवश्यक पदार्थ गए थे. वैज्ञानिकों ने बताया कि पानी के रहस्य का पता करने के लिए पृथ्वी के आंतरिक भाग में गर्म मैग्मा की जांच करने वाले हैं.
वैज्ञानिकों ने बताया कि मैग्मा का अध्ययन करना आसान कार्य नहीं होगा. वैज्ञानिकों ने बताया कि पृथ्वी के अंदर ‘मैग्मा’ अलग-अलग गहराई पर पाए जाते हैं. मैग्मा ऊपरी मेंटल 15 किमी गहराई से शुरू होता है और लगभग 680 किमी तक फैला होता है. विभिन्न गहराई से मैग्मा का अध्ययन करके वैज्ञानिक पृथ्वी की परतों और संरचना और हर परत में मौजूद रसायनों के बारे में पता कर वैज्ञानिक इस रहस्य को सुलझाएंगे
वैज्ञानिकों के एक नए अध्ययन में बताया कि जब पृथ्वी का निर्माण हो रहा था तब ये सख्त चट्टान थी लेकिन, धीरे-धीरे यहां पानी का विकास हुआ. उन्होंने बताया कि पृथ्वी की आंतरिक भागो की स्टडी से मालूम चलेगा कि यहां पानी का निर्माण कैसे हुआ था. इसके अलावा इस अध्ययन की मदद से हम दूसरी ग्रहों का भी स्टडी कर सकेंगे, जिससे वहां पानी की संभावना को तलाशा जा सकता है
वहीं, 6 साल पहले जापानी वैज्ञानिकों ने अध्ययन में बताया था कि पृथ्वी पर पानी क्षुद्रग्रहों के जरिये आया होगा. उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष से जामा किये गए नमूनों के आधार पर, ‘वाष्पशील और कार्बनिक तत्वों से भरपूर सी-टाइप के एस्टेरॉयड शायद पृथ्वी पर पानी के मुख्य स्रोत रहे होंगे. लेकिन पृथ्वी पर कार्बनिक पदार्थों और पानी यानी वाष्पशील क्षुद्रग्रहों का पहुंचना अब भी एक बड़ी बहस का विषय है.’

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