राष्ट्रीय

इंडिया (इंडिया-)नाम पर विपक्षी दलों ने कैसे लगाई मोहर?

नई दिल्‍ली. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए 26 विपक्षी दलों ने बेंगलुरु में हुई बैठक के दौरान अपने नए गठबंधन के नाम की घोषणा की. इस गठबंधन का नाम इंडियारखा गया है, जिसका मतलब इंडियन (इंडिया-) नेशनल डेवलपमेंटल इंक्‍लूजिव एलायंस है. मन में यह सवाल आना लाजमी है कि आखिर कैसे यह तमाम विपक्षी दल मिलकर INDIA नाम तक पहुंचे. आइये हम आपको इसके पीछे की कहानी के बारे में बताते हैं. दरअसल, 26 विपक्षी दल वाले इस गठबंधन के नाम पर काफी चर्चा हुई.

इंडिया’नाम सबसे पहले तृणमूल कांग्रेस द्वारा सुझाया गया था और इस शब्द का समर्थन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के प्रमुख एम के स्टालिन ने किया था. इसमें कुछ बदलाव किए गए थे. शुरुआत में INDIA नाम का मतलब इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्‍लूजिव एलायंस बताया गया था, लेकिन बाद में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सिफारिश पर डेमोक्रेटिक शब्‍द को डेवलपमेंटल में बदल दिया गया.

नहीं माना गया उमर अब्‍दुल्‍ला का ये सुझाव
गठबंधन के नाम को लेकर अन्‍य सुझाव भी आए. जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने अपना विचार साझा करते हुए कहा कि एन शब्‍द को हटाया जा सकता है क्योंकि नेशनल शब्द की आवश्यकता नहीं है. इसे केवल इंडियन डेमोक्रेटिक इंक्‍लूजिव एलायंस रखा जाए. ऐसा करने से भी लोगों को नए नाम के पीछे का विचार समझ में आ जाएगा.

नीतीश कुमार का क्‍या था सुझाव?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुझाव दिया कि गठबंधन का नाम इंडियन मेन फ्रंट या आईएमएफ होना चाहिए, जबकि मारुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के महासचिव वाइको ने मतदाताओं के साथ अधिक व्यक्तिगत संपर्क देने के लिए ‘इंडियन पीपल्स एलायंस’ नाम का सुझाव दिया था. इसी तर्ज पर तमिलनाडु स्थित एक अन्य राजनीतिक दल ‘विदुथलाई चिरुथिगल काची’ के संस्थापक थोल थिरुमावलवन ने दो सुझाव थे – ‘सेव इंडिया एलायंस’ या ‘सेक्युलर इंडिया एलायंस’.

सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी द्वारा ‘वी फॉर इंडिया’ नाम सुझाया गया जबकि सीपीआई के डी राजा का एक सुझाव था गठबंधन का नाम- ‘सेव डेमोक्रेसी एलायंस’ या सीधे तौर पर ‘सेव इंडिया’ रखा जाए.

 

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