मामूली ड्राइवर कैसे बना फर्जी डॉक्टर, करोड़पति अब विधायक बनने के सजों रहा सपने !
एक मामूली ड्राइवर के फर्जी डॉक्टर बनने और कुछ सालों में कालेधन का साम्राज्य खड़ा करने वाले करोड़पति विजय शर्मा की कहानी सुनकर आपके होश उड़ जायेंगे। मूल रूप से बदायूं के रहने वाले विजय शर्मा सुभाष नगर के शांति विहार के पीके शर्मा का ड्राइवर था। पी के शर्मा के साथ रहते हुए उसने कंसल्टेंसी के गुर सीखे और अपनी आस्था कंसल्टेंसी के नाम से ऑफिस खोल कर काम करने लगा । कंसलटेंसी के दौरान वह शिक्षा माफिया शेर अली जाफरी के संपर्क में आ गया फिर उसने हजारों छात्रों को डी फार्मा, बी फार्मा की फर्जी डिग्री दिलाने का धंधा शुरू कर दिया। इससे उसने करोड़ों रुपये कमाये।
विजय शर्मा की भूख लगातार बढ़ती रही और फिर वह खुद फर्जी डिग्री लेकर डॉक्टर बन गया और स्वास्थ विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों से सांठ गांठ करके विजय शर्मा ने खुद को स्वयंभू डॉक्टर घोषित कर लिया। आयुर्वेद और नेचुरोपैथी की डिग्री लेने का दावा किया और अपने माता-पिता के नाम पर जागेश्वरी नरेश चैरिटेबल हॉस्पिटल खोल दिया। यही नहीं उसने हॉस्पिटल का पैनल बनाकर अस्पताल का संचालन भी शुरू कर दिया। राजनीति में चमकने के लिए उसने कैंट विधानसभा क्षेत्र और पूरे शहर में उसमे समाजवादी पार्टी के सदस्य और कैंट विधान सभा के भावी प्रत्यासी के रूप में डॉक्टर विजय शर्मा के बैनर पोस्टर लगा डाले। लोगों को जन्माष्टमी पर बधाई भी दिया था।
विजय शर्मा ने खुसरो कॉलेज से डी फार्मा की फर्जी डिग्री के जरिए करोड़ों रुपए कमाने के बाद उसके उड़ान का पंख और मजबूत हो गया। अब वह खुद डॉक्टर बनकर स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के साथ उठने बैठने लगा था । उसकी महत्वाकांक्षा विधायक बनने की रही है। वह समाजवादी पार्टी के नेताओं के संपर्क में लगातार रहने लगा था। समाजवादी पार्टी के आलावा विजय शर्मा बीजेपी से भी अपनी करीबी लगातार बढ़ा रहा था। एसपी साउथ मानुष पारीक ने बताया कि पुलिस ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट लेने के लिए कोर्ट में आवेदन कर दिया है। उसके खिलाफ इनाम घोषित करने की भी तैयारी चल रही है। जल्द ही वह पुलिस की गिरफ्त में होगा।