‘घर वापसी’,(‘ghar wapsi) शबनम बन गईं सरस्वती और मोहम्मद बने राम सिंह

धर्म में अपनी वापसी : पैगंबर के कथित अपमान के विरोध में शुक्रवार को उपद्रवियों ने नमाज के बाद जिस तरह पूरे देश में बवाल मचाया. उससे इस्लाम को शांति का मजहब मानने वालों की आंखें खुलने लगी हैं. आलम ये है कि अब लोग कट्टरपंथी इस्लाम मजहब से नाता तोड़कर धीरे-धीरे सनातन धर्म में अपनी वापसी (‘ghar wapsi) का मन बनाने लगे हैं. मध्य प्रदेश में शुक्रवार को 18 मुसलमान इस्लाम को तिलांजलि देकर हिंदू बन गए.
दाढ़ी कटवाकर और बुर्के में आग लगाकर बन गए हिंदू
रिपोर्ट के मुताबिक यह मामला मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में सामने आया है. रतलाम जिले के आंबा गांव में शुक्रवार को यह वाक्या सामने आया. पुरुषों ने दाढ़ी कटवाकर और औरतों ने बुर्के को आग के हवाले कर इस्लाम को हमेशा के लिए ठुकरा दिया. स्वामी आनंदगिरि महाराज के सानिध्य में हुई इस घर वापसी में परिवार के मुखिया मोहम्मद शाह राम सिंह बन गए. वहीं शबनम अपना नाम बदलकर सरस्वती बन गईं.
घर वापसी के बाद लोगों ने लगाया जय श्री राम के नारे
इस घर वापसी के दौरान सभी लोगों को गोमूत्र से स्नान करवाकर जनेऊ धारण करवाया गया. इसके बाद सभी लोगों ने जय महाकाल और सनातन धर्म की जयघोष के नारे लगाए. इस दौरान राम सिंह के बेटे मौसम शाह को नया नाम अरुण, शाहरुख शाह को संजय सिंह, नजर अली शाह को राजेश सिंह और नवाब शाह को मुकेश सिंह दिया गया. वहीं पत्नी शायर बी को शायरा बाई, शबनम को सरस्वती बाई और पोते हीरो को सावन सिंह का नाम दिया गया. परिवार के ही दूसरे मेंबर हुसैन शाह को धर्मवीर सिंह, उनकी पत्नी आशा बी को आशा बाई का नया नाम दिया गया. इसी तरह अरुण शाह को करण सिंह, पत्नी मीनू बी को मीना बाई, राजू शाह को राजू सिंह और पत्नी रंजिता को रंजिता बाई का नामकरण किया गया.
3 पीढ़ी पहले हिंदू धर्म छोड़कर बने थे मुस्लिम
नामकरण के बाद परिवार के मुखिया मोहम्मद शाह उर्फ राम सिंह ने बताया कि वे घूम-घूमकर जड़ी बूटियां बेचने का काम करते हैं. 2-3 पीढ़ी पहले उनके वंशज हिंदू धर्म छोड़कर मुसलमान बन गए थे. लेकिन उनके मन में लगातार कशमकश रहती थी. इस्लाम के बारे में जो बातें बताई जाती हैं, इसमें उसके पूरा उलट होता है. इंसानियत, देश से मोहब्बत जैसी बातें इसमें ढूंढने को भी नहीं मिलती. पूरे परिवार में कई सालों से इसे लेकर अजीब सी बेचैनी बनी हुई थी. समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें.
स्वामी आनंदगिरि से मिलकर हिंदू बनने की जताई थी इच्छा
इसके बाद गांव में हुए महा शिवपुराण पाठ के दौरान वे स्वामी आनंदगिरि से मिले और सनातन धर्म में घर वापसी की इच्छा जताई. उसकी इच्छा जानने के बाद स्वामीजी ने मोहम्मद शाह को कानूनी रूप से शपथ पत्र तैयार करवाने को कहा. यह शपथ पत्र बनने के बाद उन्होंने स्वामीजी के सानिध्य में सनातन धर्म अपना लिया. उन्होंने कहा कि इस्लाम कोई धर्म है ही नहीं. वह कट्टरता का दूसरा नाम है. राम सिंह ने कहा कि वे अब सनातन धर्म में वापसी कर अपने बच्चों की अच्छी जिंदगी बना पाएंगे.