दिल्ली में गृहमंत्री ने कोरोना पर जितना तेज काम किया, उतना चीन भी नहीं कर पाया: भाजपा
नई दिल्ली भाजपा ने दिल्ली में कोरोना का कहर रोकने का श्रेय एक बार फिर गृहमंत्री अमित शाह को दिया है। भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने कहा कि जब कोरोना के कारण राजधानी के हालात बिगड़ चुके थे, तब गृहमंत्री अमित शाह ने 15 दिनों के भीतर जिस तेजी से काम कर दिखाया, उतना चीन भी नहीं कर पाया था। पीतमपुरा के मौर्या एन्क्लेव में शनिवार को एक कम्पोस्ट प्लांट का उद्घाटन करने के दौरान प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोला।
नॉर्थ एमसीडी की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह ने जितनी तेजी से दुनिया का सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर बना दिया, उतनी तेजी से चीन भी काम नहीं कर पाया। गृहमंत्री अमित शाह ने सिर्फ 15 दिनों के भीतर दस हजार बेड का सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर दिल्ली में बनवाया।
प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार ने आरोप लगाया कि कोरोना काल में केजरीवाल सरकार के मंत्रियों ने अस्पतालों का दौरा नहीं किया। घरों से बैठकर वे बयानबाजी करते रहे। सरकारी अस्पतालों की हालत ये थी कि एक तरफ लाश रहती, दूसरी तरफ मरीज पड़ा रहता था। ऊपर से उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जुलाई के अंत तक साढ़े पांच लाख केसेज होने की बात कहकर जनता को डरा दिया था।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस तरह से जो हालात बने, उसे प्रधानमंत्री मोदी ने गंभीरता से लिया। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह को भेजा। गृहमंत्री ने 14 जून को पहली बैठक ली। देखा कि सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं हो रहा था, प्राइवेट अस्पतालों में मनमानी चल रही थी। फिर उन्होंने बेड और वेंटिलेटर के रेट एक तिहाई कम करवाए। प्राइवेट लैब की टेस्टिंग का रेट भी आधा कराया। आदेश कुमार गुप्ता ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह की बदौलत दिल्ली में रेलवे कोचेज को बेड्स में बदल दिया गया। दुनिया का सबसे बड़ा दस हजार बेड का सरदार पटेल कोविड केयर सरदार पटेल बना। इतनी तेजी से चीन भी काम नहीं कर पाया। गृहमंत्री अमित शाह ने सिर्फ 15 दिन के भीतर इतना बड़ा सेंटर तैयार कराया। प्रदेश अध्यक्ष ने कोरोना की लड़ाई में दिल्ली के नगर निगमों की भूमिका की तारीफ की। उन्होंने कहा कि जितने भी सर्वे हुए, सभी में निगम के स्टाफ ने योगदान दिया। एमसीडी की डिस्पेंसरी में एंटी जन रैपिड टेस्टिंग तकनीक से सात लाख लोगों की जांच हुई।उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार एक ओर करोड़ों का विज्ञापन देकर वाहवाही लूटने में लगी थी, वहीं निगम जमीन पर काम कर रहा था और भाजपा के कार्यकर्ता लगातार राशन बांट रहे थे।