होमगार्ड ने थाना इंचार्ज पर लगाया डेढ़ लाख रुपये वसूली का सनसनीखेज आरोप !
हरदोई (मल्लावां) – उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन के सिपसालारों ने अपने ही विभाग के होमगार्ड के परिजनों को हत्या के मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर डेढ़ लाख रुपए की वसूली कर ली। पीड़ित पक्ष ने मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र देकर रुपए दिलाए जाने व निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा देने की मांग की। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मल्लावां नगर के मोहल्ला गंगारामपुर निवासी धर्मेन्द्र कुमार पुत्र राजाराम ने मुख्यमंत्री को दिए गए शिकायती पत्र में बताया कि वह होमगार्ड पद पर कार्यरत है। वर्तमान समय में वह कोतवाली देहात में ड्यूटी कर रहा है। 9 जून को एक बाइक दुर्घटना होती है जिसमें गंगारामपुर निवासी कमर अली गंभीर रूप से घायल हो जाते है जिनकी कुछ दिन बाद इलाज के दौरान मौत हो जाती है।
पीड़ित का कहना है कि कमर अली के परिजन दुर्घटना के स्थान पर हत्या का झूठा आरोप लगा रहे थे। पीड़ित ने बताया कि वह 14 जून को चुंगी नंबर 2 पर खड़ा था जंहा से पुलिस उसे पकड़कर कोतवाली ले गई। दिए गए प्रार्थना पत्र के अनुसार पुलिस द्वारा कोतवाली ले जाकर कोतवाली प्रभारी द्वारा उससे डेढ़ लाख रुपये की मांग की। पीड़ित के अनुसार रूपये न देने पर धमकी दी जाने लगी कि हत्या के मुकदमे में तुम्हारे साथ भाई व पुत्र को जेल भेज देंगे। इसके बाद चार दिन तक कोतवाली में बंद रखा गया।
इस दौरान कोतवाली में ही तैनात धीरेन्द्र प्रताप मुंशी ने भी रोज प्रताड़ित किया जिससे वह भयभीत हो गया औऱ उसने परिजनों से डेढ़ लाख रुपये का इंतजाम कराकर रुपये प्रभारी निरीक्षक को दिए। पीड़ित का कहना है कि वह और उसका पुत्र निर्दोष हैं उसे जबरदस्ती जेल भेजने का डर दिखाकर वसूले गए डेढ़ लाख रुपये वापस कराकर मामले की जांच कराते हुए दोषी लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए। इस संबंध में कोतवाली प्रभारी मल्लावां से उनके सीयूजी नंबर पर बात करने का प्रयास किया गया तो फोन नहीं उठा। कहने को तो सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीत अपनाए हुए है लेकिन जिस प्रकार से पीड़ित ने सामने आकर मुख्यमंत्री से अपने निर्दोष साबित होने व रुपए दिलाए जाने की गुहार लगाई है इससे तो यही साबित होता है
कि कहीं ना कहीं सरकार की फजीहत कराने वाले ऐसे प्रशासन में बैठे नुमाइन्दो की वजह से जनता में लगातार आक्रोश है और जिसका परिणाम पिछले लोकसभा चुनाव में देखने को मिला। अब देखना यह होगा कि क्या पीड़ित होमगार्ड जवान को न्याय मिलेगा या फिर नक्कार खाने में तूती की आवाज ही बनकर रह जाएगी?