हिन्दी उर्दू साहित्य अवार्ड कमेटी का 28वां पांच दिवसीय साहित्यिक सम्मेलन आठ से
लखनऊ। बहुत पहले से हम उन कदमों की आहट जान लेते हैं, तुझे ऐ जिन्दगी हम, हम दूर से पहचान लेते हैं- जेसे अशआर कहने वाले मशहूर शायर रघुपति सहाय फिराक गोरखपुरी पर केन्द्रित हिंदी उर्दू साहित्य अवार्ड कमेटी का पूर्व नियोजित 28वां पांच दिवसीय साहित्यिक सम्मेलन आठ से 12 अक्टूबर को आयोजित हो रहा है। उद्घाटन समारोह आठ अक्टूबर को डी.जी.विलास हाल, मुम्बई में होगा तो साहित्यिक चर्चा सत्र नौ व 10 अक्टूबर को लखनऊ में विख्यात रचनाकार और कलाकारों की उपस्थिति में चलेंगे। अवार्ड कमेटी के महामंत्री अतहर नबी ने बताया कि कमेटी इससे पहले 27 आयोजन पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, कुंवर बेचैन, डा.गोपीचंद नारंग, अशोक चक्रधर, मजरूह सुल्तानपुरी, हरिवंश राय बच्चन, अली सरदार जाफरी जैसे अनेक रचनाकारों पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नियमित रूप से करा चुकी है। इनमें अमेरिका, कनाडा, यूके, मिस्र, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, कजाखिस्तान, टर्की आदि अनेक देश के विद्ववानों ने शिरकत की। साथ ही कमेटी ने इन आयोजनों व रचनाकारों के व्यक्तित्व-कृतित्व पर महत्वपूर्ण पुस्तकों का प्रकाशन भी किया है। उन्होनें बताया कि सुप्रसिद्ध शायर फिराक़ गोरखपुरी पर केन्द्रित इस समारोह में मुम्बई में आठ अक्टूबर को अपराह्न तीन बजे मुख्यअतिथि के तौर पर सुप्रसिद्ध गीतकार समीर अनजान साहित्य शिरोमणि अवार्ड से पूर्व राज्यपाल राम नाईक को अलंकरित करेंगे। श्री नाईक को यह पुरस्कार उनकी 10 भाषाओं में अनुवादित हो चुकी और दृष्टिहीन दिव्यांगों के लिये हिन्दी अंग्रेजी व मराठी जैससी तीन भाषाओं में ब्रेल लिपि में प्रकाशित हो चुकी संस्मरणात्मक मराठी पुस्तक ‘चरैवेति-चरैवेतिÓ के लिये मिलेगा। पदम्भूषण से अलंकृत डा.गोपीचन्द नारंग को उनके साहित्यिक योगदान के लिये लाईफ टाईम एचीवमेन्ट अवार्ड, हमदर्द विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.हुसनैन नौ अक्टूबर के आयोजन में प्रदान करेंगे। इस मौके पर आखिरी शाम 12 अक्टूबर को फिराक गोरखपुरी की रचनाओं पर आधारित सांस्कृतिक संध्या में अनूप जलोटा और मिथिलेश लखनवी उनकी गजलें व नज्में पेश करेंगे। साथ ही मुम्बई की फरहाना फातिमा, कोलकाता की अजन्ता सरकार व अनुप्रिया सिंह उनकी गजलों पर नृत्य आधारित प्रस्तुतियां देंगी। सुप्रसिद्ध गज़ल गायक तलत अजीज, लोकप्रिय गायक अनूप जलोटा को बेगम अख्तर सम्मान से सम्मानित करेंगे। इससे पहले 10 अक्टूबर को दिल्ली विश्वविद्यालय कला संकाय के डीन प्रो.इर्तिजा करीम की अध्यक्षता में आयोजित संगोष्ठी में प्रो.अनीस अशफ़ाक, डा.रज़ा नैय्यर, डा. सागर त्रिपाठी, प्रो.शिव प्रकाश, प्रो.उबैदुर्रहमान, प्रो.शाफे किदवाई, प्रो.ऊषा शर्मा, सुहैल काकोरवी सहित देश-विदेश के कई रचनाकार विद्ववान अपना नजरिया प्रस्तुत करेंगे। कमेटी के प्रमुख अतहर नबी ने बताया कि चौथे दिन 11 अक्टूबर को अन्तर्राष्ट्रीय काव्य गोष्ठी व मुशायरे का आयोजन डा.अनीस अंसारी की अध्यक्षता में होगा। इसमें सुप्रसिद्ध गीतकार हसन कमाल, शबीना अदीब, जौहर कानपुरी, हसन काज़मी सरदार चरण सिंह बशर सहित अनेक कवि-शायर भाग लेंगे। कोरोना महामारी के कारण सभी कार्यक्रम शासन के निर्देशानुसार सीमित आमंत्रित लोगों के बीच तथा ऑनलाइन होंगे तथा फेसबुक पेज और अन्य सोशल डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रसारित होगें।