उत्तराखंड

खतरनाक नस्ल के कुत्तों के पालनें की पाबंदी पर तीन माह में निर्णय लें: हाई कोर्ट

नई दिल्ली: उच्च न्यायालय द्वारा बुधवार को केंद्र से अमेरिकन बुलडॉग, रॉटवीलर, पिटबुल, टेरियरस आदि उग्र नस्ल के कुत्तों को पालने के लिए लाइसेंस पर पाबंदी लगाने एवं उसे रद्द कराने के संबंधी एक याचिका पर तीन माह के अन्दर निर्णय लेने को कहा गया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन एवं न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि अधिकारियों को इस मामले पर निर्णय लेने दें, क्योंकि अधिकारी ही संबंधित कानूनों और नियमों के मसौदा को तैयार करते हैं. पीठ ने कुत्तों की स्थानीय नस्लों के प्रोत्साहन की आवश्यकता पर जोर दिया. पीठ ने कहा कि प्राधिकरण तीन महीने के अन्दर प्रतिवेदन पर निर्णय लें. मुख्य न्यायाधीश सतीशचंद्र शर्मा की अगुवाई वाली एक पीठ ने पांच अक्तूबर को याचिकाकर्ता लीगल अटॉर्नीज एंड बैरिस्टर लॉ फर्म को अदालत में सीधे याचिका दायर करने के बजाय पहले अपनी शिकायत अधिकारियों को करनी चाहिए.

याचिका में इन नस्ल के कुत्तों के द्वारा अपने मालिकों समेत कई अन्य लोगों पर हमला करने की घटनाओं के बारे में जानकारी दी गई है. याचिका में टेरियर्स, पिटबुल, अमेरिकन बुलडॉग, रॉटवीलर, जैपनीज टोसा, बैंडॉग, नियोपोलटन मास्टिफ, वुल्फ डॉग, प्रेसा कैनेरियो, फिला ब्रैजिलिरियो, टोसा इनु, केन कोरसो, डोगो अर्जेटीनो, बोयरबोल आदि उग्र नस्ल के खतरनाक कुत्तों को पालने के लाइसेंस पर लोगों के हित में पाबंदी लगाया जाना जरूरी है.

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