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सीतापुर स्कूल मर्जर पर हाईकोर्ट की रोक, कांग्रेस ने बताया गरीबों की शिक्षा की जीत !

लखनऊ -: उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर (विलय) के खिलाफ दायर याचिका पर आज लखनऊ स्थित माननीय उच्च न्यायालय ने छात्रों को बड़ी राहत देते हुए सीतापुर जिले के एक प्राथमिक विद्यालय के मर्जर पर रोक लगा दी है। इस आदेश को कांग्रेस पार्टी ने गरीब, वंचित और पिछड़े वर्ग के बच्चों की शिक्षा के अधिकार की जीत बताया है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा सरकार 27,000 से अधिक प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर की जो योजना चला रही थी, वह शिक्षा के निजीकरण और गरीब बच्चों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित करने की साजिश थी।

उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम न केवल बच्चों की पढ़ाई को बाधित कर रहा था, बल्कि लाखों शिक्षकीय पदों को समाप्त कर बेरोजगारी को और बढ़ा रहा था।अजय राय ने कहा, “कांग्रेस पार्टी निशुल्क और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के पक्ष में हमेशा संघर्ष करती रही है। भाजपा सरकार सरकारी स्कूलों को बंद करके निजीकरण को बढ़ावा देना चाहती है। हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं।उन्होंने मांग की कि जिस प्रकार उच्च न्यायालय ने सीतापुर के मामले में मर्जर पर रोक लगाई है, उसी तर्ज पर प्रदेश सरकार को तत्काल पूरे उत्तर प्रदेश में स्कूलों के मर्जर की प्रक्रिया पर रोक लगानी चाहिए।

कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “एक तरफ सरकार मधुशाला खुलवा रही है और दूसरी ओर पाठशालाएं बंद कर रही है। यह दोहरा मापदंड अब नहीं चलेगा। यदि सरकार ने मर्जर की योजना को रद्द नहीं किया, तो कांग्रेस पार्टी राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ेगी।”गौरतलब है कि प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर को लेकर हाल के दिनों में प्रदेश भर में विरोध की आवाजें उठ रही थीं, जिसमें कांग्रेस पार्टी सबसे आगे रही है। आज हाईकोर्ट के आदेश से इन आंदोलनों को कानूनी बल भी मिल गया है।

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