उत्तराखंड

महामहिम राष्ट्रपति के आदेश भी नहीं दिला सके न्याय

स. सम्पादक शिवाकान्त
ऐक भेंट वार्ता के दौरान अरुण कुमार पुत्र श्री चंद्रपाल सैनी ग्राम सलेमपुर राजपूताना रुड़की ने बताया कि वह 11 वर्षों से हीरो मोटोकॉर्प कंपनी हरिद्वार में कार्य कर रहा था मात्र 2 लड़कों के शिकायत पर कंपनी प्रबंधन ने अरुण कुमार को बर्खास्त कर दिया जबकि वह दो लड़के कंपनी में गैरकानूनी यूनियन बना रहे थे और गैर कानूनी तरीके से कर्मचारियों के घर जा रहे थे और रजिस्टर में हस्ताक्षर करा रहे थे हीरो मोटोकॉर्प कंपनी द्वारा अरुण सैनी को 18 महीने तक जांच के नाम पर यातनाएं दी गई अरुण कुमार का मानसिक आर्थिक उत्पीड़न किया गया जिसकी शिकायत पीड़ित अरुण कुमार ने महामहिम राष्ट्रपति को पत्र भेजकर की थी और महामहिम राष्ट्रपति ने प्रार्थी के पत्र पर संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड शासन के मुख्य सचिव को आदेश इस पर पत्र के अनुरूप कार्रवाई करने के आदेश दिए थे लेकिन साल बाद भी पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं हुई उत्तराखंड शासन ने आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए आदेश को रद्दी में डाल दिया अरुण सैनी का कहना है कि जब भारत के महामहिम के आदेशों को ही अधिकारी नहीं मानते तो आम जनता न्याय के लिए कहा जाएगी आम जनता का सरकार से विश्वास उठ जाएगा प्रार्थी अब मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखने की तैयारी कर रहा है !

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