हरदीप सिंह निज्जर: रेड कॉर्नर नोटिस (निज्जर)
नई दिल्ली. कनाडा में मारे गए खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर (निज्जर) के बारे में भारतीय प्रशासन ने समय-समय पर कनाडा सरकार को जानकारी दी थी और बताया था कि उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी है, लेकिन कनाडा प्रशासन ने कभी भी निज्जर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि उसे गलत तथ्यों के आधार पर कनाडा की नागरिकता दी गई थी. भारतीय रिकॉर्ड के मुताबिक हरदीप सिंह निज्जर के खिलाफ भारत में हत्या और अन्य आतंकवादी गतिविधियों के लगभग एक दर्जन मामले दर्ज थे. अपने खिलाफ पुलिस का कसता शिकंजा देखकर हरदीप सिंह साल 1997 में रवि शर्मा नाम के फर्जी पासपोर्ट का उपयोग कनिज्जरभारत से भाग गया था.
बाद में हरदीप सिंह कनाडा पहुंच गया जहां उसने कनाडा में शरण के लिए यह कहते हुए आवेदन किया कि उसे एक विशेष वर्ग का होने के कारण भारत में प्रताड़ित किया जा रहा है. उसकी मनगढ़ंत कहानी के आधार पर तत्कालीन कनाडा प्रशासन ने उसे नागरिकता देने से इनकार कर दिया था. दिलचस्प है कि नागरिकता का दावा खारिज होने के बाद निज्जर ने 11 दिन बाद फिर कनाडा की नागरिकता के लिए आवेदन किया. इस बार उसने आवेदन का आधार दिखाया था कि उसने वहां की एक महिला से शादी की है.
निज्जर को रहस्यमयी हालात में कनाडा की नागरिकता मिली
कनाडा के तत्कालीन अधिकारियों ने उसका यह दावा भी खारिज कर दिया क्योंकि जिस महिला से वह शादी करने की बात कह रहा था वह एक अलग आदमी से शादी करने के आधार पर कनाडा पहुंची थी. इसके बाद कई सालों बाद अचानक निज्जर को रहस्यमय परिस्थितियों में कनाडा की नागरिकता दे दी गई. आखिर वह कौन सी परिस्थितियां थीं, इसके बारे में कभी भी कनाडा सरकार ने भारत सरकार को बताया तक नहीं.
रेड कॉर्नर नोटिस होने के बावजूद निज्जर को कनाडा ने गिरफ्तार नहीं किया
हरदीप सिंह के खिलाफ नवंबर 2014 में इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था. यूनाइटेड नेशन के इंटरपोल ने भारत के दावे को पूरी तरह से जांचने परखने के बाद उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. भारतीय अधिकारियों ने इस बाबत कनाडा प्रशासन को रेड कॉर्नर नोटिस की पूरी जानकारी समेत हरदीप सिंह के खिलाफ फिर से पूरी जानकारी मुहैया कराई.
दिलचस्प है कि रेड कॉर्नर नोटिस होने के बावजूद कनाडा प्रशासन ने निज्जर को ‘नो फ्लाई लिस्ट’ में डालने का नोटिस तक जारी नहीं किया. हरदीप सिंह की इसी साल जून में कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी क्योंकि वहां वह गैंगवार में शामिल हो गया था.