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सनी सिंह का नाम आते ही हमीरपुर आया सुर्खियों में। बांदा जनपद के जसपुरा थानाक्षेत्र के सिकौहुला में है ननिहाल !

हमीरपुर। अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की हत्या में शामिल सनी सिंह का नाम आते ही हमीरपुर का नाम सुर्खियों में आ गया है एक छोटी सी चाय की दुकान में बैठने वाले सनी सिंह की चैन स्नेचिंग से हुई आपराधिक जीवन की शुरुआत हुई थी जिसके बाद जेल में पश्चिम के डॉन सुंदर भाटी से मुलाकात के बाद नाम कमाने का जोश उसके सर चढ़कर बोलने लगा और वह बड़ा अपराधी बन गया।

 

अतीक हत्याकांड में शामिल कुरारा निवासी शनि सिंह का थानाक्षेत्र के ग्राम चंदपुरवा बुजुर्ग एवं टेढा में आना-जाना था अतीक एवं उसके भाई अशरफ को मौत की नींद सुलाने के बाद शनि सिंह से जुड़े लोग चुप्पी साध गए हैं।

कुरारा निवासी शनि सिंह की सुमेरपुर थानाक्षेत्र में कई दूर की रिश्तेदारियां है। अपराध की दुनिया में कदम रखने के बाद यह कुरारा की बजाय सुमेरपुर क्षेत्र में ज्यादा सक्रिय रहता था। इसकी मां कृष्णा देवी सिंह पति जगत सिंह की मौत के बाद ससुराल की बजाय अपने मायके बांदा जनपद के जसपुरा क्षेत्र के गांव सिकहुला में रहती है। शनि जेल से बाहर रहने पर मां के समीप ही रहता था।बाँदा जिला का सिकौहुला गांव चूंकि थानाक्षेत्र की सीमा का गांव है लिहाजा यह कस्बे के साथ टेढा भी आता जाता था।

सूत्रों का दावा है कि यह कस्बे में सक्रिय एके-47 गैंग के मुखिया का भी करीबी दोस्त है। इसके पास भी उसका आना-जाना रहता है। लेकिन जैसे ही माफिया अतीक की हत्या में इसका नाम सामने आया है इसके सभी जानने वाले चुप्पी साध गए हैं। सूत्रों का दावा है कि यह जुआं का बहुत शौकीन था जुआ खेलने की गरज से सुमेरपुर, चन्दपुरवा बुजुर्ग, टेढा अक्सर आता जाता था। बताते हैं कि लगभग एक सप्ताह पूर्व चन्दपुरवा में देखा गया था इसने अपने संपर्क में रहने वालों से कहा था कि वह एक बड़ी वारदात करके प्रदेश में नाम रोशन करने की फिराक में है।अब जब से सनी सिंह ने इस हत्या कांड को अंजाम दिया है तब से जिले में प्रसाशन ने संवेदनशील नगरों पर चौकसी बढ़ा दी है।

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