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आप की राष्ट्रीय पार्टी बनाने की महत्वाकांक्षा (ambition)में गुजरात चुनाव महत्वपूर्ण

नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी ने गुजरात में अपने चुनाव अभियान में कोई कसर नहीं छोड़ी है, जिसका उद्देश्य 2024 में अगले लोकसभा चुनावों तक खुद को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में लॉन्च करना है. राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की आप को अखिल भारतीय पार्टी बनाने की महत्वाकांक्षा (ambition) में गुजरात का चुनाव महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. 2012 में अपनी शुरुआत के बाद से आप ने पूरे भारत में 400 से अधिक उम्मीदवारों के साथ 2014 के लोकसभा चुनाव लड़े. केजरीवाल ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ा था और तीन लाख से अधिक वोटों से हार गए. पार्टी केवल चार सीटें जीतने में सफल रही और वो सभी पंजाब में मिली थीं.

इसके विपरीत 2019 के आम चुनाव में आप अधिक फोकस्ड थी और उसने 9 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की करीब 40 सीटों पर चुनाव लड़ा था. लेकिन एक बार फिर वो सिर्फ एक सीट जीतने में कामयाब रही और वो भी पंजाब से. गुजरात में पहले चरण के मतदान से पहले केजरीवाल ने कहा था कि कड़ी मेहनत और कोशिश करना महत्वपूर्ण है, भले ही जीत की कोई उम्मीद न हो. आप ने अपने गठन के बाद से पूरे भारत में विधानसभा चुनाव भी लड़े हैं. आप ने इस साल की शुरुआत में पंजाब में शानदार जीत दर्ज की और सरकार बनाई.

कौन हैं राष्ट्रीय पार्टियां
भारत के चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक चुनाव नतीजों के आधार पर एक मान्यता प्राप्त पार्टी या तो एक राष्ट्रीय पार्टी या राज्य की पार्टी हो सकती है. राष्ट्रीय या राज्य पार्टी की मान्यता स्थायी नहीं होता है और यदि कुछ मानदंड पूरे नहीं होते हैं तो इसे बदला जा सकता है. सितंबर 2021 तक ईसीआई के आंकड़ों के अनुसार भारत में आठ राष्ट्रीय दल, 54 क्षेत्रीय दल और 2,796 पंजीकृत ‘गैर-मान्यता प्राप्त’ राजनीतिक दल हैं. आठ राष्ट्रीय दल- भारतीय जनता पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस, और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) हैं. एनपीपी भारत की सबसे नई राष्ट्रीय पार्टी है, जिसने जून 2019 में ये मान्यता हासिल की.

राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता के लिए क्या है जरूरी
अगर किसी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता हासिल है, तो वह पूरे भारत में अपने उम्मीदवारों को अपना चुनाव निशान बांट सकती है. मान्यता प्राप्त राज्य और राष्ट्रीय दलों को नामांकन दाखिल करने के लिए केवल एक प्रस्तावक की जरूरत होती है और वे आम चुनाव के दौरान आकाशवाणी या दूरदर्शन पर मुफ्त और प्रसारण सुविधाओं के दो सेट वोटर लिस्ट के भी हकदार होते हैं. एक राजनीतिक दल को एक राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता हासिल करने के लिए सबसे सरल नियमों में से एक है- चार या अधिक राज्यों में एक राजनीतिक दल के रूप में मान्यता हासिल करना. 4 राज्यों में एक राज्य दल के रूप में मान्यता हासिल करने के अलावा भी राजनीतिक दल राष्ट्रीय दल भी बन सकते हैं. इसके लिए उन्हें पिछले लोकसभा चुनावों में चार सीटों पर जीत के साथ-साथ पिछले विधानसभा चुनावों में किन्हीं चार राज्यों में से हर एक में 6 प्रतिशत वोट मिलना जरूरी है या कम से कम तीन राज्यों से चुने गए सांसदों के साथ पिछले आम चुनाव में सभी लोकसभा सीटों का 2 प्रतिशत वोट हासिल करना होता है.

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