थाली से गायब हुई हरी सब्जी
उन्नाव (green vegetables) में बरसात के दिनों में हरी सब्जियों (green vegetables) के दाम आसमान छू रहे हैं। इस बार बारिश कम होने के कारण किसान सब्जी पैदावर नहीं कर सकें। वहीं बाहर से आने वाली सब्जी ढुलाई के कारण महंगी बेची जा रही है। जो अस्सी रूपये किलो बिक रहा है। वहीं सब्जी विक्रेता रामदुलारे निषाद, रमेश कुशवाहा ने बताया कि बारिश न होने के कारण सब्जी की पैदावार कम हुई।
बाहर से आने वाली सब्जी डीजल महंगा होने के कारण उसके भाव आसमान छूू रहे हैं। जिस कारण सब्जी के दाम आसमान छू रहे हैं। वहीं आलू भी महंगे दामों में बिक रहा है। जिससे आम आदमी की थाली का बजट बिगड़ता जा रहा है। जिसका मुख्य कारण डीजल महंगा होना बताया जा रहा है। वहीं नई और मौसमी सब्जी अभी बजट के बाहर जा रही है। ऐसे में हर घर में थाली में हरी सब्जी नहीं पहुंच पा रही है।
बारिश कम होने के कारण सब्जियों की पैदावार कम हुई है। वहीं कुछ किसान ने कोल्ड स्टोरेज में सब्जियों को रख दिया है। बाकी हरी सब्जियों में आग सी लगी हुई है। यदि आप सौ रुपये की बाजार में सब्जी लेने जायेंगे तो बमु़श्किल मध्यम परिवार के लिये एक ही दिन की सब्जी घर पहुंच सकेगी।
इसका असर महंगाई से ही सीधे लगाया जा रहा है। इस समय बाजार में हरी सब्जियों में लौकी, तरोई, कद्दू, मटरी, भिंडी, घुइंया, कटहल, धनिया, हरी मिर्च आदि बाजार में उपलब्ध हैं। सबसे खास बात यह है कि हरी मिर्च के भाव सातवें आसमान पर हैं।