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पत्रकारों की मदद करे सरकार व सामाज सेवी संस्थाएं

 स. सम्पादक शिवाकान्त पाठक
कोरोना वायरस के भय से पूरे देश में लॉकडाउन होने से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के सामने भूख और आर्थिक संकट की समस्या खड़ी हो गयी थी ऐसे में केंद्र सरकार के साथ-साथ सभी राज्य सरकारें व समाज सेवी संस्थायें लोगों की मदद करने में जुटी थीं लेकिन जो लोग अपनी जान की परवाह किए बगैर जनसेवा में जुटे रहे उनकी मदद का ख्याल किसी को नहीं आया इनमें स्वतंत्र पत्रकार और छोटे व मध्यम संस्थानों के मीडिकर्मी काफी तंगहाली से गुजरते रहे हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी व तमाम समाजसेवी संस्थाओं का ध्यान छोटे, मध्यम संस्थानों के मीडियाकर्मियों और स्वतंत्र पत्रकारों की आर्थिक हालत की ओर दिलाते हुए माँग की है कि सरकार देश सेवा में लगे इन लोगों की भी मदद करे. स. सम्पादक शिवाकान्त पाठक ने मांग की है कि कोरोना वायरस के मद्देनजर भारत सरकार द्वारा आहूत लॉकडाउन अभियान का पूरा देश पालन करता रहा है. अब तक ऐसे में सहयोग की भावना से देश और देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना से लड़ाई में डॉक्टरों, चिकित्साकर्मियों, पुलिस, प्रशासन के साथ ही मीडियाकर्मी भी कंधे-से-कंधा मिलाकर चलते रहे हैं और कोरोना से बचाव के तरीके तथा संक्रमण की जानकारियाँ लोगों तक पहुँचाने का कार्य सफलतापूर्वक करते रहे हैं. इस समय न्यूज चैनल और बड़े समाचार पत्रों के पत्रकारों और इस पेशे से जुड़े अन्य कर्मियों को इतनी तकलीफ और परेशानी नहीं है, जितनी कि छोटे, मझोले और स्वतंत्र पत्रकारों को हुई है. हमेशा तंगहाली में गुजर करने वाले यह लोग आज आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं. श्री पाठक ने कहा कि लोगों को सचेत करने वाले छोटे और मझोले समाचार पत्रों एवं मीडिया संस्थानों के मालिक इस विकट परिस्थिति में अपने कर्मचारियों को वेतन देने में असमर्थ दिखाई पड़ रहे थे स्वतंत्र पत्रकारों को उस समय और भी मुश्किलें आ रही थीं इसके अलावा इस डिजिटल युग में सोशल मीडिया और वेबसाइट पर समाचार उपलब्ध कराने कराने वाले श्रमजीवी पत्रकारों की आर्थिक स्थिति भी बहुत खराब है ऐसे में लखनऊ जर्नलिस्ट ऐसोसिऐसन के उत्तराखण्ड प्रभारी शिवाकान्त पाठक ने प्रधानमंत्री व सभी समाज सेवी संस्थाओं से अनुरोध करते हुए यह अपील की है कि छोटे मीडिया संस्थानों, पत्रकारों और स्वतंत्र पत्रकारों की आर्थिक स्थिति के विषय में विचार करें. इससे न केवल इस क्षेत्र में लगे मीडियाकर्मियों को राहत मिलेगी, बल्कि उनको और उनके परिवार को भी आर्थिक सहायता मिल सकेगी !

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